अपराधदिल्ली/एनसीआरनई दिल्ली

Delhi में यूट्यूबर का उत्पात…पुलिस के बैरिकेड में केमिकल डालकर लगाई आग, गोल्डन SUV से फ्लाइओवर किया जाम, अब बुरा फंसा

दिल्ली के आउटर जिले की पुलिस ने उस यूट्यूबर को गिरफ्तार कर लिया, जो रील्स बनाकर पिछले चार दिन से सोशल मीडिया में वायरल है। गिरफ्तार यूट्यूबर का नाम प्रदीप ढाका है। यह नांगलोई का रहने वाला है। पुलिस का कहना है कि प्रदीप ने पश्चिम विहार में बिजी फ्लाईओवर पर गाड़ियों को रोककर बेपरवाही से स्टंट किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस के बेरिकेड में आग लगाकर एक और रील बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दी।

दोनों रील्स के वायरल होने पर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए पड़ताल की। उसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया है। साथ ही पश्चिम विहार पुलिस ने ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने के बाबत 36,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज कर गाड़ी को जब्त कर लिया है। वहीं, निहाल विहार थाने की पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने हिदायत दी है कि ऐसे विडियो शूट करने से पहले उचित परमिशन जरूर ले लें।

लोगों ने उठाए सवाल

दरअसल वायरल विडियो में एक हरियाणा नंबर की गोल्डन कलर की कार पहले बीच सड़क पर जिगजैग तरीके से चलती नजर आई। फिर अचानक बीच सड़क पर ही कार को रोक दिया जाता है। कार में बैठा युवक बाहर आता है और कार के आगे आकर सेल्फी लेता है। इस बीच पीछे गाड़ियों की लंबी कतार लग जाती है। जाम के हालात बन जाते हैं। इसको लेकर कुछ लोगों ने ‘एक्स’ पर भी सवाल उठाते हुए दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को विडियो टैग कर दिया।

नकली हथियार भी मिले

डीसीपी जिम्मी चिरम के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से जानकारी हुई थी। एएटीएस की टीम ने आरोपी की पहचान कर उसे हिरासत में लिया। प्रदीप ढाका (25) परिवार के साथ छज्जू राम कॉलोनी, नांगलोई में रहता है। जब्त गाड़ी आरोपी की मां के नाम पर रजिस्टर्ड है। गाड़ी में कुछ प्लास्टिक के नकली हथियार भी मिले हैं। जांच में मालूम चला है कि आरोपी एक यूट्यूब कंटेंट अपलोडर है। उसने ये विडियो अपलोड करने के लिए बनाए थे।

क्यों यूथ में रील्स बनाने की बढ़ रही है लत?

युवाओं में रील्स की लत सिर चढ़कर बोल रही है। बस, ट्रेन, मेट्रो, एयरपोर्ट, लाल बत्ती पर अभी तक रील्स बनाने की दीवानगी दिखती रही है। मगर अब सार्वजनिक जगहों पर कानून से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे हैं। पश्चिम विहार फ्लाईओवर पर ट्रैफिक को बीचों बीच रोकना हो या पुलिस के बैरिकेड को जलाकर रील बनाना। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च के मुताबिक, रील्स देखने या बनाने की लत को साइंटिस्ट MPI यानी Mass Psychogenic Illness का नाम दे रहे हैं। कुल मिलाकर रील्स की लत से युवा जोखिम भरे कारनाम कर बाकियों को उकसाने का काम कर रहे हैं।

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