क्या नए चेहरों पर करेगी बीजेपी भरोसा ?
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में कुल 5 विधानसभा हैं।इन सभी विधानसभा पर अभी तक भाजपा का कब्जा है। लेकिन आगामी चुनाव में जिले में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है।इसी बदलाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी के टिकट की दावेदारी को लेकर तमाम कोतहुल मची हुई है और राजनीतिक गलियारों में तेज चर्चा शुरू हो गई है।इन सभी विधानसभाओं में अभी तक लोनी विधानसभा और शहर विधानसभा के साथ-साथ साहिबाबाद विधानसभा में भी नए प्रत्याशी मैदान में आ सकते हैं।उधर जैसे ही पुराने प्रत्याशियों के टिकट कटने की जानकारी स्थानीय लोगों को मिल रही है,तो कुछ लोग इस बात से सहमत हैं। लेकिन वहीं जो प्रत्याशी अभी भी अपनी सीट पर कायम हैं।उनके समर्थकों में बेहद मायूसी देखी जा रही है।
सूत्रों के हवाले से खबर है।कि उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए यूपी में अधिकांश विधायकों के टिकट कट रहे हैं।इसकी तैयारी भाजपा हाईकमान ने पहले ही कर ली थी और पहले कई विधायकों के टिकट कटने लगभग तय माने जा रहे थे।उधर स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद भाजपा हाईकमान ने चुनाव प्रचार ढंग से कराने के लिए स्ट्रैटेजी बनाई और 70% से ज्यादा खराब ग्राफ वालों का टिकट काटे जाने की तैयारी की है।इसी कड़ी में गाजियाबाद से अतुल गर्ग जो शहर विधायक हैं और वर्तमान में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी हैं।लेकिन सर्वे के मुताबिक अतुल गर्ग इस बार जनता के पैमाने में कम उतर पा रहे हैं।इसलिए शहर विधानसभा सीट पर कोई नया प्रत्याशी का नाम भाजपा घोषित कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक मयंक गोयल, पवन गोयल ,आशुतोष गुप्ता यानी 3 नाम में से किसी एक पर भाजपा के हाईकमान की मुहर लगनी तय मानी जा रही है।इन तीनों प्रत्याशियों में से ही किसी भी एक की लाटरी खुल सकती है और अभी तक नंबर वन पर मयंक गोयल को इसलिए माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने पिछले काफी समय से शहर के लोगों के बीच बढ़िया पकड़ बनाई है।
इसके अलावा किसी ना किसी बात को लेकर हमेशा से चर्चाओं में बने रहने वाले लोनी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का भी इस बार टिकट कटना तय माना जा रहा है।क्योंकि कई बार उनके द्वारा दिए गए बयानों से भारतीय जनता पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखने को मिली है।जिसकी शिकायत हाईकमान तक भी जा पहुंची है।
वहीं साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सुनील शर्मा का भी इस बार टिकट कटना तय माना जा रहा है। क्योंकि भाजपा हाईकमान स्थानीय नेता को टिकट देने के मूड में नहीं है।क्योंकि यदि सुनील शर्मा का टिकट काटकर किसी अन्य भाजपा नेता को दिया जाता है।तो भाजपा में अंदरूनी कलह के कारण इस सीट पर भाजपा को नुकसान हो सकता है। इसलिए माना यह जा रहा है कि साहिबाबाद विधानसभा में इस बार भाजपा हाईकमान पैराशूट प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है।