ग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआर

बिजली के बिल में अनियमत्तयों को लेकर बिल्डर और उसकी उसकी मेंटेनेंस कंपनी के विरुद्ध जंग छेड़ दी

आपको सूचित करना चाहता हैं कि सुपरटेक जार सोसायटी, ओमिक्रोन १, ग्रेटर नोएडा के निवासियों ने ग्रसित होकर अपने AOA के महासचिव वरुण वर्मा जी के माध्यम से बिजली के बिल में अनियमत्तयों को लेकर बिल्डर और उसकी उसकी मेंटेनेंस कंपनी (Y G Estate) के विरुद्ध जंग छेड़ दी है। श्री वरूण वर्मा जी ने इस संदर्भ में NPCL को भी वैधानिक नोटिस भेजे।

श्री वरूण वर्मा जी ने बताया कि सुपरटेक प्रबंधन अत्यधिक एवं अनुचित विद्युत चार्जेस ले रहा है और किसी भी प्रकार की पारदर्शिता नहीं बरत रहा है जिससे सभी czar निवासी बहुत पीड़ित और क्षुब्ध है।

श्री वरूण वर्मा जी ने बताया कि सुपरटेक जार सोसाइटी / बिल्डर ने NPCL से 2500 KW का लोड सैंक्शन कराया हुआ है जबकि इस सोसाइटी के कुल 1904 फ्लैट में औसत 3 KW का लोड भी मान लें तो बिल्डर ने लगभग 5700 kW का लोड डिस्ट्रीब्यूट किया हुआ है। बिल्डर ₹104/KW/Month की दर से 5700KW के अनुमानित लोड पर फिक्स्ड चार्ज कर रहा है जबकि वह ₹95/KW की दर से Billable लोड 2083KVA पर फिक्स्ड चार्ज वसूल रहा है जोकि निर्धारित रेट से लगभग 3 गुना अधिक वसूल रहा है। इसका अर्थ है कि जार सोसाइटी के फिक्स्ड चार्ज ₹35/KW/Month से अधिक नहीं होना चाहिए।

इसके अतिरिक्त बिजली यूनिट रेट ₹6.62/यूनिट (KWH) लिया जा रहा है। जबकि बिल्डर, NPCL को ₹6.30/यूनिट (KVAH) पर +5% इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी व -10% का रेगुलेटरी डिस्काउंट लगाकर ₹5.98/यूनिट (KVAH) की दर पर चार्ज दे रहा है।

हाल ही में ACE CITY निवासियों की अपील पर विद्युत लोकपाल(CGRF) के दिए गए फैसले के अनुसार इस KVAH के रेट में पावर फैक्टर लॉस जोकि हमारी सोसाइटी में 1% से कम है, जोड़ने पर 5.98+0.063 = ₹6.05/यूनिट आता है। इसका अर्थ है कि czar सोसाइटी में भी यूनिट चार्ज भी ₹0.57/यूनिट अधिक चार्ज किया जा रहा है।

Czar सोसायटी में लोड वृद्धि चार्ज ₹25000/KW हैं जोकि नियम विरुद्ध हैं, गैरकानूनी हैं। मा. CGRF व मा. लोकपाल ने अपने अनेकों आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा है कि लोड वृद्धि चार्ज कॉस्ट डेटा बुक के अनुसार लिए जाने चाहिए जोकि ₹100/KW हैं।

इसके अतिरिक्त बिल्डर मनमानी करते हुए कूपन सर्विस चार्ज के मद पर ₹10/Month के स्थान पर ₹30/Month ले रहा है, जल आपूर्ति के मद पर, कूड़ा निस्तारण के मद पर एवं अन्य कई नाम से जबरन वसूली कर रहा है।

बिल्डर न तो NPCL द्वारा जारी सोसाइटी का बिजली का बिल नोटिस बोर्ड पर चस्पा करता है न ही कोई CA से ऑडिट करवाता है और न ही कोई ब्यौरा (जैसे कि बिजली की कुल खपत, निवासियों द्वारा की गई कुल खपत, निवासियों से लिया गया चार्ज, बिजली के चार्ज की दर व एनपीसीएलएन को दिया गया कुल अमाउंट आदि ) किसी को देता है।

कई रेजिडेंट्स ने NPCL के श्री गांगुली जी और सुपरटेक प्रबंधन को इस जबरन वसूली के लिए मेल लिखे लेकिन ऐसा लगता हैं कि सभी भ्रष्टाचार में लिप्त है।

AOA के महासचिव वरुण वर्मा ने अगले 7 दिनों में जवाब मांगा हैं । जवाब न देने पर विद्युत अदालत / लोकपाल के समक्ष जाने की चेतावनी दी है।

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