UP Police Bharti: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा निर्णय, यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 निरस्त
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती रद्द करके योगी सरकार ने लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी. पेपर लीक के दावों के बाद लाखों अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने और दोबारा एग्जाम की मांग कर रहे थे. राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द करने के साथ ही 6 महीने के भीतर फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है. सीएम योगी ने कहा कि युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ होगी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) के माध्यम से यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द करने की सूचना दी है. उन्होंने बताया कि परीक्षाओं की शुचिताओं से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.
राज्य सरकार की ओर जारी नोटिस में लिखा है, ‘दिनाक 17 व 18 फरवरी 2024 को संपन्न हुई पुलिस भर्ती परीक्षा के संबंध में प्राप्त तश्यों एवं सूचनाओं के परीक्षण के आधार पर शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों के दृश्टिगत इस परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है. शासन ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश दिए हैं कि जिस भी स्तर लापरवाही बरती गई है उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.’
STF करेगी पेपर लीक की जांच
योगी सरकार, यूपी पुलिस सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले की जांच का जिम्मा स्पेशल टास्ट फोर्स (STF) को सौंपेगी. दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही शासन ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश दिया है कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उचित कार्रवाई की जाए.
6 महीने के अंदर होगा री-एग्जाम, मिलेगी फ्री ट्रैवल की सुविधा
पेपर रद्द करने के साथ ही यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर 6 महीने के अंदर पूरे शुचिता के साथ दोबारा कराने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा परीक्षार्थियों से परीक्षा के लिए आने-जाने का कोई पैसा नहीं लिया जाएगा. आदेश में लिखा है कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा से अभ्यर्थियों को नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.
पेपर लीक मामले में मांगे गए थे सबूत-आपत्तियां
यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में अभ्यर्थी पहले दिन से सड़कों पर परीक्षा रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे थे. अभ्यर्थियों के पेपर लीक दावों और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने अभ्यर्थियों से पेपर लीक की शिकायतों पर सबूत के साथ आपत्तियां मांगी थे. भर्ती बोर्ड ने शुक्रवार की शाम 6:00 बजे तक अभ्यर्थियों की शिकायतों को लेकर सबूतों को साबित करने वाली आपत्तियां, प्रत्यावेदन (Representation) मांगे थे. इस पर बोर्ड को लगभग डेढ़ हजार शिकायतें भर्ती बोर्ड को ऑनलाइन प्राप्त हुई हैं.
सख्त पहरे में हुई थी भर्ती परीक्षा
राज्य सरकार ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर कई सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, बावजूद इसके जालसाज सेंधमारी में कामयाब हो गए. सभी परीक्षा केंद्रों पर छोटे-छोटे जैमर लगाए गए थे ताकि जैमर के चलते कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस वहां पर काम ना कर सके. सभी परीक्षा केंद्रों के अंदर सीसीटीवी, सीसीटीवी कंट्रोल रूम बनाए गए थे, अभ्यर्थी की आंखों के रेटिना से उसके फोटो का मिलान और बायोमेट्रिक भी मिलान किया गया था. इसके बाद ही अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों पर एंट्री दी गई थी.
सोशल मीडिया पर पेपर लीक का दावा
बता दें कि यूपी पुलिस सिपाही पद पर कुल 60244 रिक्तियों को भरने के लिए 17 और 18 फरवरी को प्रदेशभर में आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में 48 लाख से ज्यादा उम्मीदवार उपस्थित हुए थे. अभ्यर्थियों का कहना है कि दो दिन की चार पाली में हुई इस भर्ती परीक्षा में 17 और 18 फरवरी की दूसरी शिफ्ट का पेपर लीक हुआ है. 18 फरवरी की शाम 3 से 5 की पाली में हुए प्रश्न पत्र तमाम अभ्यर्थियों के पास और कोचिंग टीचर्स के पास पहले ही पहुंच गए थे. जिसे लेकर शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर उसी समय पोस्ट भी लिखी कि पेपर लीक होने की बाते सामने आई थी.