यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की मांग का किया समर्थन
ब्रिटेन के बाद फ्रांस ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत (India) की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है. फ्रांस (France) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीटों के निर्माण के लिए भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील को लेकर अपना समर्थन दोहराया है.
यूएन में फ्रांस की उप प्रतिनिधि नथाली ब्रॉडहर्स्ट एस्टीवल ने शुक्रवार (18 नवंबर) को सुरक्षा परिषद में सुधार पर यूएनएससी की वार्षिक बहस को संबोधित करते हुए कहा कि फ्रांस स्थायी सीटों के लिए स्थायी सदस्यों के रूप में जर्मनी, ब्राजील, भारत और जापान की उम्मीदवारी का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि फ्रांस परिषद के स्थायी सदस्यों अफ्रीकी देशों से ज्यादा प्रतिनिदित्व चाहता है, क्योंकि भौगोलिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए कई सीटों को बांटा जाना चाहिए.
फ्रांस ने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की गंभीरता को दोहराते हुए कहा कि वीटो का मुद्दा अत्याधिक संवेदनशील है. एस्टीवल ने यूएनएससी में जोर देकर कहा कि इस मामले पर फैसला लेने के लिए स्थायी सीट का अनुरोध करने वालों देशों पर निर्भर है.
ब्रिटेन ने भी किया भारत का समर्थन
फ्रांस से पहले ब्रिटेन (Britain) ने भी यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए भारत को अपना समर्थन दिया था. संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील के लिए स्थायी सीटों और साथ ही परिषद में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व का समर्थन करते हैं. वुडवर्ड ने कहा कि यूके सदस्यता की गैर-स्थायी कैटेगरी के विस्तार का भी समर्थन करता है, जिससे सुरक्षा परिषद की कुल सदस्यता 20 के दशक के मध्य में कहीं और बढ़ जाती है.
स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मौजूदा समय में केवल पांच स्थायी सदस्य हैं. इनमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस व ब्रिटेन शामिल हैं. वैश्विक आबादी व अर्थव्यवस्था व नई भू राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए काफी समय से स्थायी सदस्य देशों की संख्या बढ़ाने की मांग की जाती रही है. भारत काफी समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग उठाता रहा है. अब कई यूरोपीय देशों ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है.