राजस्थान से लापता दो बहनें 15 दिन पहले दिखी लखनऊ में, परिवार वाले पहुंचे तो फिर हुईं लापता
लखनऊ। राजस्थान के जयपुर से तीन फरवरी को दो बहनें संदिग्ध हालात में लापता हो गईं थीं। अगले दिन दोनों की लोकेशन चारबाग फिर कुछ देर बाद निशातगंज में मिली। लोकेशन के आधार पर जयपुर पुलिस दोनों किशोरियों के पिता व दादा के साथ लखनऊ पहुंची। इसके बाद महानगर पुलिस से मुलाकात की जिसके बाद से इन दोनों बहनों की तलाश में जयपुर पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच की टीम भी जुट गई है। हालांकि 16 दिन बीत जाने केबाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
जयपुर के महेशनगर बागवान विहार करतापुरा में रहने वाले अवधेश कुमार पुरोहित पेशे से हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। अवधेश के मुताबिक, उनकी बेटी भावना कक्षा 12 और छोटी बेटी रामा कंवर 11वीं की छात्रा है। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ती हैं। तीन फरवरी को स्कूल गई थीं। शाम तक घर नहीं आई। इसके बाद महेशनगर थाने में एक अज्ञात व्यक्ति पर आशंका जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने पड़ताल शुरू की। इस बीच पुलिस को दोनों की लोकेशन चार फरवरी को चारबाग रेलवे स्टेशन और फिर निशातगंज में मिली। जयपुर पुलिस ने लखनऊ पुलिस से संपर्क किया। लखनऊ की महानगर पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो निशातगंज में एक सीसीटीवी कैमरे में दोनों की फुटेज दिखी। दोनों बहने बैग ले जाते साथ में दिखीं। इसके बाद जयपुर पुलिस और अवधेश पुरोहित गत नौ फरवरी को लखनऊ पहुंचे। अधिकारियों से मुलाकात की पर अब तक दोनों बहनों का कोई सुराग नहीं लगा है।
16 दिन से 80 साल के बुजुर्ग दादा भी तलाश कर रहे
अवधेश के मुताबिक 4 फरवरी को वह अपने 80 साल के बुजुर्ग सेना से रिटायर पिता को लेकर लखनऊ पहुंचे थे। इसकेबाद से वह डॉरमेट्री में रुके हैं। उन्होंने पुलिस के साथ काफी स्थानों पर तलाश की है। चारबाग स्टेशन पर दोनों की फोटो भी मिली है। जिसके आधार पर पता चला कि वहां से एक ऑटो में बैठकर निशातगंज इलाके में एक गर्ल्स हॉस्टल की तरफ गई थी। ऑटो चालक की तलाश करने के बाद उसके साथ निशातगंज भी पहुंचे। वहां के कई गर्ल्स हॉस्टल में भी तलाश किया लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद वह एडीसीपी क्राइम व उत्तरी प्राची सिंह से मिले। उन्हें पूरी जानकारी दी। एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह केमुताबिक दोनों बहनों की तलाश में जयपुर पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच की टीम व महानगर थाने की पुलिस को लगाया गया है। टीमें निशातगंज के अलावा अन्य कई इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रहे हैं। लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।