देवरिया में भूमि विवाद में गोली मारकर दो सगे भाइयों की हत्या, तीन घंटे बाद पोस्मार्टम के लिए भेजा गया शव
उत्तर प्रदेश के देवरिया में जमीन के झगड़े में मंगलवार की सुबह अंधाधुंध गोलियां तड़तड़ाते हुए हमलावरों ने दो सगे भाइयों की हत्या कर दी। इस घटना में छह लोग घायल हुए हैं। वारदात की सूचना मिलते ही एसपी समेत अन्य पुलिस अफसर मौके पर पहुंच गए। तनाव को देखते हुए गांव में भारी फोर्स लगा दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार जिले बरहज थाना क्षेत्र के चकरा नोनार गांव के रहने वाले लालधारी यादव का उनके पड़ोसी हंसनाथ से काफी समय से जमीन विवाद चलता है। लालधारी के भाई लल्लन यादव का पिछले दिनों निधन हो गया था। 25 नवंबर को उनका ब्रह्मभोज है। उसके लिए लालधारी के बेटे कोकिल (उम्र 40 वर्ष) और रमेश ( उम्र 39 वर्ष) परिजनों के साथ मंगलवार की सुबह घर के आसपास सफाई कर रहे थे। इसी दौरान हंसनाथ के परिवार से उनका विवाद शुरू हो गया। आरोप है कि कहासुनी के दौरान ही हंसनाथ के बेटे बैजनाथ और अन्य ने लाइसेंसी बंदूक और अवैध असलहे से लालधारी के परिवार पर हमला बोल दिया।
हमले में गोली लगने से कोकिल यादव और रमेश यादव की मौके पर ही मौत हो गई। यही नहीं घटना में लालधारी ( उम्र 70 वर्ष) और उनके पक्ष के बेचू यादव (उम्र 50 वर्ष) पुत्र रामनाथ, राजाराम ( उम्र 69 वर्ष) पुत्र बच्चन यादव, देवानंद ( उम्र 14 वर्ष) पुत्र हरेराम यादव, अंकित यादव (उम्र 15 वर्ष) पुत्र उमेश यादव और विनोद यादव ( उम्र 32 वर्ष) घायल हो गए। सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल बेचू यादव, राजाराम, देवानंद और अंकित यादव को मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया। लालधारी और विनोद का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र जिला अस्पताल की इमरजेंसी पर पहुंचे। वारदात की जानकारी लेने के बाद वे अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर भी गए। चकरा नोनार गांव में तनाव को देखते हुए भारी फोर्स लगा दी गई है। घटना में मारे गए दोनों सगे भाई कोकिल और रमेश नैनिताल में प्राइवेट नौकरी करते थे। दोनों चाचा के ब्रह्मभोज में शामिल होने के लिए घर आए थे।
मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े परिवारजन, पुलिस को शव सौंपने से इनकार
घटना से गुस्साए घरवालों ने पुलिस को शव देने से इंकार कर दिया है। परिजन मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े हैं। वह पुलिस और प्रशासन पर मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। घटना की सूचना पर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई है। भीड़ को देखते हुए अस्पताल परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। सीओ श्रीयश त्रिपाठी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष डॉ. अंतर्यामी सिंह और सपा के जिलाध्यक्ष डॉ. दिलीप यादव ने मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली।