उत्तराखंडराज्य

बेटी के पहले पीरियड पर पार्टी देकर उत्‍तराखंड के जितेंद्र ने दिया अनोखा संदेश, अब पूरे देश में हो रही तारीफ

उधम सिंह नगर में एक ऐसा अनोखा जश्न किया गया है जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है. जश्न भी ऐसा कि एक पिता ने अपनी बेटी के पहले मासिक धर्म यानी पीरियड्स होने के अवसर पर जश्न मनाया. हालांकि दक्षिण भारत में इसका चलन पहले से ही है. लेकिन उत्तर भारत में याायद पहली बार ऐसा हुआ है. इस तरह का कदम उठाने वाले जितेंद्र भट्ट की चारो ओर प्रशंसा हो रही है.

पता हो कि पुराने समय में मासिक धर्म को लेकर बिलकुल भी बात नहीं होती थी. लड़कियों को पीरियड्स के समय कई सारी बंदिशें लगा दी जाती थीं. लेकिन अब समय काफी बदल गया है. 21वीं सदी में पहले के मुकाबले लोग इस विषय पर खुलकर बात करने लगे हैं. उत्तराखंड के काशीपुर से एक नई पहल शुरू हुई है.

काशीपुर कचहरी रोड गिरिताल के रहने वाले जितेंद्र भट्ट ने अपनी बच्ची के पहले पीरियड्स पर जोरदार जश्न मनाया. संगीत के शिक्षक  भट्ट ने बताया कि जब वह छोटे थे तब उन्हें इस बात की ज्यादा जानकारी नहीं थी. जब उन्हें इसकी जानकारी हुई तब वह देखते थे कि ज़ब बच्ची या महिला पीरियड्स होती थी, तब उन्हें बड़ी हीन भावना से देखा जाता था और अगर अगर वह उन दिनों में किसी भी सामान को छू देती थी, तब उसे अशुद्ध माना जाता था.

अब जब उनकी बेटी को पहली बार पीरियड्स आए, तब उन्होंने इन्हीं सब फैली भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जश्न मनाया, क्योंकि ये कोई अशुद्ध या छुआछूत की बीमारी नहीं है, बल्कि ख़ुशी का दिन है.

पहल रंग लाएगी: पड़ोसी 

स्थानीय निवासी प्रज्ञा भटनागर का कहना है कि गुरुजी यानी जितेंद्र भट्ट ने बहुत ही अच्छी पहली की है. यह महिलाओं के लिए गर्व की बात है. क्योंकि जब कोई भी महिला या लड़की के पीरियड्स शुरू होते हैं, तब उन्हें हीन भावना से देखा जाता है. लेकिन इनकी ये पहल रंग लाएगी और इस फैली भ्रान्ति से छुटकारा मिलेगा.

मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं: डॉक्टर 

महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. नवप्रीत कौर का कहना है कि यह बहुत अच्छी पहल है, क्योंकि जिस तरह से लोग इसे एक छुआछूत मानते हैं, वह एकदम गलत है. जब कोई भी महिला या लड़की पीरियड्स से होती है, तब उसके अंदर कोई गंदगी नहीं निकलती, बल्कि यूट्रस की अंदर की लेयर सेट होती है जिसके कारण ब्लडिंग होती है. ठीक वैसे ही, जैसे मनुष्य पेशाब करता है. जो कि एक आम प्रक्रिया है. ये कोई बीमारी नहीं है, छुआछूत नहीं है. इस बीच में हर रोज नहाएं, हर रोज पूजा करें और हर रोज मंदिर जाएं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button