मानव तस्करी में लिप्त दो और आरोपित पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार, यूपी एटीएस ने की कार्रवाई
लखनऊ : यूपी एटीएस (UP ATS) यानी उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता को एक बार फिर से बड़ी सफलता हाथ लगी है. यूपी एटीएस ने बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों की भारत में घुसपैठ कराकर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भेजने वाले गिरोह के दो और सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यूपी एटीएस ने इन्हें कोलकाता से गिरफ्तार किया है. यूपी एटीएस की वाराणसी यूनिट ने मोहम्मद जमील उर्फ हारिशुल्ला और नूर अमीन को पश्चिम बंगाल के 24 नार्थ परगना से दबोचा है. इनके पास से दो भारतीय पासपोर्ट, आठ आधार कार्ड, तीन वोटर आईडी, तीन पैन कार्ड बरामद किए गए हैं. इन्हें भी अवैध रूप से भारत लाया गया था.
दरअसल, एटीएस को काफी समय से यह सूचनाएं मिल रही थीं कि अंतरराष्ट्रीय गिरोह बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत में लाकर, उनका फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें भारत का नागरिक बनाकर विदेश भेजने का काम कर रहे हैं. इस गिरोह के सदस्य इनके मुस्लिम नाम को हिंदू नाम में परिवर्तन कर उनके दस्तावेज समेत पासपोर्ट के आधार पर विदेश भेजने का भी काम कर रहे थे. मानव तस्करी के काम के बदले ये लोग उनसे भारी मात्रा में पैसा भी वसूल करते हैं.इन सूचनाओं के आधार पर एटीएस की वाराणसी टीम ने 26 अक्टूबर को एक भारतीय व तीन बांग्लादेशी नागरिकों, यानी कुल 4 लोगों को नई दिल्ली से वापस आते समय राजधानी एक्सप्रेस-02314 से पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर उतारकर पूछताछ किया था. इसके साथ ही उनके संदिग्ध प्रतीत होने पर उन्हें एटीएस मुख्यालय लखनऊ लाया गया था. जहां पूछताछ में चारों आरोपियों ने अपनी पहचान मिथुन मंडल, शाओन अहमद, मोमीनूर इस्लाम व मेहंदी हसन के रूप में कराई थी. जिसके आधार पर एटीएस ने मुकदमा दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू की थी.
एटीएस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आया कि पूर्व में गिरफ्तार आरोपी मिथुन मंडल का भाई रतन मंडल, पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में अपर जपत काली ताला क्षेत्र के यूरोपियन टूर एंड ट्रैवल के नाम से एक ट्रैवल एजेंसी भी संचालित करता है. इसके साथ ही विदेश भेजने के इस अवैध कार्य में लिप्त है. रतन मंडल का एक अन्य साथी मोहम्मद जमील उर्फ हरीशउल्ला जो रोहंगिया है और रोंगिया लोगों को अवैध रूप से उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर विदेश भेजने का काम करता है, एवं भारत में घुसपैठ भी कराता है.
पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों के बयान एवं विवेचना के क्रम में विशेष न्यायालय लखनऊ के आदेश से जारी गिरफ्तारी वारंट को लेकर कोलकाता गई एटीएस की वाराणसी टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था. मोहम्मद जमील उर्फ हरीशउल्ला के निशानदेही पर उसका रिश्तेदार रोहिंग्या नूर अमीन जो भारतीय नाम एवं फर्जी पते पर रह रहा था, उसको फर्जी दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया गया. आरोपी मोहम्मद जमील स्थाई पता ग्राम जब्बर पारा पोस्ट फूलमाली थाना बूटीडॉग जनपद अक़्याब म्यांमार, जो पूर्व में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के मुल्ला पारा आशिक अली रोड भोजपुरा कोइल में रहता था. वहीं से फर्जी नाम पते से अवैध दस्तावेज बनवाकर वर्तमान में पश्चिम बंगाल के जनपद 24 परगना नार्थ के काजीपारा में रह रहा था. अपने साथियों का सहयोग लेकर रोगियों को भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पार कराकर फर्जी पते पर अवैध कूटरचित दस्तावेज तैयार करवाकर उन कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट एवं वीजा की व्यवस्था कर विदेश भेजता था.
फर्जी नाम पता एवं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत के अन्य राज्यों में भी घुसपैठ करता था. मोहम्मद जमील उर्फ हरीशउल्ला इस काम में पिछले तीन चार साल से सम्मिलित है.पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ व विवेचना में यह तथ्य भी प्रकाश में आए थे कि इस गिरोह के सदस्य, कूटरचित दस्तावेजों तथा आधार कार्ड, वोटर कार्ड के आधार पर फर्जी पते पर पासपोर्ट तैयार करवाते थे. तैयार कराए गए पासपोर्ट में अपनी पहचान पूर्ण रूप से छुपाकर हिंदू एवं भारतीय नामों का प्रयोग किया जाता था. विवेचना के क्रम में पासपोर्ट में अंकित के पते का सत्यापन कराया गया तो अंकित के पते फर्जी निकले. पूछताछ के क्रम में यह तथ्य भी प्रकाश में आए थे कि इस गिरोह के सदस्य पहले फर्जी तरीके से भारतीय नाम व पते का आधार कार्ड बनवाते हैं. जिससे तत्काल में भारतीय पासपोर्ट बनवाने में आसानी होती है. अब तक इस गिरोह के सदस्य मिथुन मंडल, मेहंदी हसन, समीर मंडल व विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है.
20 नवंबर को यूपी एटीएस (UP ATS) की वाराणसी यूनिट द्वारा आरोपी मोहम्मद जमील उर्फ हरीशउल्ला को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी के पास से दो भारतीय पासपोर्ट, 8 आधार कार्ड, तीन वोटर आईडी, 3 पैन कार्ड, दो मोबाइल फोन, 3 यूएनएससीआर कार्ड, दो डेबिट कार्ड, एक डीएल, एक चेक बुक (भारतीय स्टेट बैंक), एक म्यांमार सरकार द्वारा जारी परिवार रजिस्टर के नकल की छाया प्रति, 100-100 के तीन व 500 का एक नोट बांग्लादेशी आदि बरामद किए गए हैं.
बताया गया है कि मुकदमे में शामिल आरोपियों की पश्चिम बंगाल से हुई गिरफ्तारी में, पश्चिम बंगाल एटीएस को पश्चिम बंगाल की स्थानीय पुलिस द्वारा सराहनीय योगदान दिया गया है. इस कारण उनको भी यूपी एटीएस द्वारा पुरस्कार दिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के लिए इनके पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए विशेष न्यायालय लखनऊ से अनुरोध किया गया, जिससे इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके.