विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने संसद में बिजली संशोधन बिल पारित करने पर आंदोलन का एलान किया है। मोर्चा का कहना है कि केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी बिल पारित करने जा रही है। इससे बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों में भारी आक्रोश है।
आज सोमवार को केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा । रविवार को संयुक्त संघर्ष मोर्चा की वर्चुअल बैठक में बिजली संशोधन बिल पर चर्चा की गई। मोर्चा का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में संशोधन करने के लिए संशोधन बिल 2022 लाया जा रहा है। इससे ऊर्जा क्षेत्र के साथ उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को लिखित पत्र के जरिये यह वायदा किया था कि इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) बिल किसानों समेत सभी हितधारकों से विचार विमर्श किए बिना संसद में प्रस्तुत नहीं किया जाएगा। अब सरकार ने बिल को संसद में पारित करने का एकतरफा निर्णय लिया है।
मोर्चा ने निर्णय लिया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण और बिजली संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में आठ अगस्त को सभी जिला व परियोजना मुख्यालयों पर कर्मचारी और इंजीनियर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इसके बावजूद केंद्र सरकार ने बिल पारित किया तो उसी समय बिजली कर्मचारी और इंजीनियर काम बंद कर देंगे। बैठक में इंशारुल हक, केहर सिंह, बीरबल सिंह, जेसी पंत, राजवीर सिंह, विनोद कवि, कार्तिकेय दुबे, वाईएस तोमर, अमित रंजन, पंकज सैनी, विक्की दास, दीपक पाठक, राजेश तिवारी, सुनील मोघा, एनएम टोलिया समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।