रिपोर्ट में किया गया दावा- मनी लान्ड्रिंग व आतंकी फंडिंग से जुड़े 11 में से 10 लक्ष्यों में पाकिस्तान ने किया घटिया प्रदर्शन
इस्लामाबाद : पाकिस्तान और आतंकवाद एक-दूसरे के पर्याय हैं. पाकिस्तान की सेना और यहां सत्ता में बैठे लोग आतंकवाद (Terrorism) को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. खासतौर पर भारत के जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमा और LOC पार से आतंकवादियों की खेप भेजी जाती है. पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है और उन्हें वित्तीय मदद पहुंचाता है. यह कारण है कि पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे सूची में है. बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान इस ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए कोई खास पहल कर भी नहीं रहा है.
FATF के एशिया-प्रशांत समूह ने धनशोधन (Money Laundering) और आतंकवाद के वित्तपोषण (Terror Funding) से निपटने से संबंधित 11 में से 10 अंतरराष्ट्रीय मानकों पर पाकिस्तान (Pakistan) की प्रभावशीलता को ‘निम्न’ स्तर का आंका है. मंगलवार को मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है. एफएटीएफ आतंकवाद के वित्तपोषण और धनशोधन मामले में एक वैश्विक प्रहरी संस्था है.
‘द डॉन’ की खबर के अनुसार, एफएटीएफ के सिडनी स्थित क्षेत्रीय सहयोगी एशिया प्रशांत समूह (APG) ने अपने क्षेत्रीय सदस्यों की रेटिंग पर दो सितंबर तक एक अपडेट जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने 11 लक्ष्यों में से केवल एक में ‘मध्यम स्तर की प्रभावशीलता’ दिखाई है.
समूह के मुताबिक, पाकिस्तान ने पर्याप्त सूचना देने, वित्तीय जानकारी तथा सबूत प्रदान करने और अपराधियों व उनकी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रदान किया है. एफएटीएफ और एपीजी के 15 सदस्यीय संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने 29 अगस्त से दो सितंबर के बीच यह पता लगाने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया कि उसने जून 2018 में एफएटीएफ के साथ उच्च स्तर पर तैयार की गई 34 सूत्रीय कार्य योजना पर कितना अमल किया है.
टास्क फोर्स ने इस साल फरवरी में पाया था कि पाकिस्तान ने सभी 34 बिंदुओं पर काफी हद तक अमल किया है. टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से ‘ग्रे’ सूची से बाहर निकलने से पहले देश का दौरा करने का फैसला किया था. एफएटीएफ-एपीजी मूल्यांकन तंत्र के तहत यह रेटिंग दर्शाती है कि किसी देश की कार्रवाई किस हद तक प्रभावी रही है.
एपीजी ने कहा कि धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के 10 अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत पाकिस्तान की प्रभावशीलता निम्न स्तर की रही है.