अपराधउत्तर प्रदेश

आठ साल पहले हुई थी हत्या, भाई-भतीजे समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सुनाई सजा

हरदोई। लगभग आठ साल पहले हुई राम सागर की हत्या की पृष्ठभूमि में 13 बीघा कृषि योग्य भूमि थी। यह खेती रमा सागर की पत्नी सोनी की सेवा और देखरेख से खुश होकर मृतक के पिता ने सोनी के नाम कर दी थी। यही बात मृतक के भाई व उसके परिजनों को खटक रही थी। हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान अपने बचाव में हत्यारोपियों ने कई तर्क दिए, लेकिन न्यायालय की कसौटी पर यह तर्क साबित नहीं हो सके। आठ साल में 197 पेशियों के बाद मामले में फैसला आया है। सांडी थाना क्षेत्र के बखरिया गांव निवासी राम सागर की हत्या जून 2016 में कर दी गई थी।

मामले में उसके सगे भाई, भतीजे समेत आठ लोगों को म़ृतक के पुत्र ने आरोपी बनाया था। विवेचना के दौरान एक आरोपी का नाम निकाल दिया गया था, जबकि एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। सुनवाई के दौरान कमलेश और ज्ञान सिंह ने तर्क दिया था कि घटना के दिन वह लोग नोएडा के एक होटल में काम कर रहे थे। इस पर न्यायालय ने संबंधित होटल के प्रोपराइटर को सम्मन जारी किया था। पुलिस जब सम्मन लेकर गई तो मौके पर न तो उस नाम का होटल मिला और न ही प्रोपराइटर। हत्यारोपियों ने खुद को बेहद गरीब बताते हुए अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला देकर न्यायालय से राहत की गुहार लगाई थी, लेकिन अभियोजन पक्ष का कहना था कि एक राय होकर हत्या की गई है। अपराध गंभीर प्रवृत्ति का है, इसलिए कठोरतम सजा दी जाए।
मामले में भाई-भतीजे समेत छह लोगों को अपर जिला जज एफटीसी यशपाल ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर दोषियों को एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। जुर्माने की आधी रकम मृतक के पुत्र वादी मुकदमा को देने का आदेश भी अपर जिला जज ने दिया है। सांडी थाना क्षेत्र के बखरिया निवासी राम सिंह ने 22 जून 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि 22 जून 2016 की शाम लगभग छह बजे उसके पिता राम सागर (55) खेत से भूसा लेकर घर जा रहे थे। इसी दौरान उसके ताऊ गोवर्धन, उनके पुत्र अनिल कुमार गांव के ही चंद्र प्रकाश किसान उर्फ ठेकेदार व उनके पुत्र छविराम, ज्ञान सिंह, कमलेश, पृथ्वीराज और राम सहाय ने मिलकर लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से रामसागर पर वार कर दिया।
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