Azam Khan के खिलाफ चल रहे मुकदमों की सुनवाई में आई तेजी, बचाव पक्ष ने गवाह से की जिरह
रामपुर। सपा नेता आजम खां के खिलाफ टांडा, मिलक और गंज कोतवाली में दर्ज एक-एक मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें एससी-एसटी एक्ट, भड़काऊ भाषण देने और डूंगरपुर का मामला शामिल है। टांडा थाने में दर्ज एससी-एसटी एक्ट के मामले में गवाह ने गवाही दी। उनकी गवाही पूरी हो गई है। मिलक कोतवाली में दर्ज भड़काऊ भाषण के मामले में गवाह की जिरह होना शेष है। डूंगरपुर प्रकरण में गवाह से जिरह जारी है।
टांडा थाना क्षेत्र का मामला साल 2007 का है। विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए आजम खां द्वारा टांडा में जनसभा करने के बाद बसपा नेता धीरज कुमार शील ने टांडा थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि आजम खां ने जनसभा को संबोधित करते हुए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमान किया था। इससे विभिन्न वर्गों के लोगों में शत्रुता को बढ़ावा दिया और लोगों के बीच दुश्मनी या नफरत पैदा करने, धर्म, जाति और भाषा के आधार पर बांटने का प्रयास किया। तहरीर के बाद पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
वहीं, डूंगरपुर प्रकरण में आजम खां के इशारे पर लूटपाट करने, मारपीट करने और बस्ती पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त करने के आरोप में गंज थाने में मुकदमे दर्ज हुए थे। जबकि मिलक थाने में भड़काऊ भाषण देने के मामले में वीडियो वायरल हुआ था। जिसका मुकदमा मिलक कोतवाली में दर्ज हुआ था।
सभी मामले एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे हैं। सुनवाई के दौरान मिलक में दर्ज भड़काऊ भाषण देने के मामले में वीडियोग्राफर योगेंद्र कुमार ने अपने बयान दर्ज कराए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उनसे जिरह की, लेकिन जिरह पूरी नहीं हो सकी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी। थाना टांडा में दर्ज एससी-एसटी के मामले में दरोगा वीरेश कुमार ने अपने बयान दर्ज कराए। बचाव पक्ष के द्वारा उनसे जिरह की गई। उनकी जिरह पूरी हो गई है। अब इस मामले की सुनवाई नौ सितंबर को होगी। डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले के वादी गवाह एहतेशाम खां ने कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए। उनसे बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जिरह की, लेकिन जिरह पूरी नहीं हो सकी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई आठ सितंबर को होगी।