योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज, किसानों संग महिलाओं और नौजवानों को साधने की तैयारी
योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट बृहस्पतिवार को वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना सुबह 11 बजे विधानसभा में पेश करेंगे। बजट में हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में जनता से किए गए वादों को निभाने पर जोर होगा। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट का आकार 6.10 लाख करोड़ रुपये पार करने की संभावना है। यह अब तक का सबसे बड़ा बजट होगा।
पिछला बजट 5,50,270.78 करोड़ रुपये का था। सुरेश खन्ना ने बुधवार को बजट को अंतिम रूप दे दिया। सदन में पेश किए जाने से पहले बजट को कैबिनेट की बैठक में पास कराया जाएगा।
सत्ताधारी दल भाजपा ने विधानसभा चुनाव में ‘लोक कल्याण संकल्प-पत्र’ जारी किया था। सूत्रों का कहना है कि इस बजट में संकल्प-पत्र के वादों को पूरा करने पर ध्यान दिया जा रहा है। ज्यादातर वादों पर अमल की घोषणा किसी न किसी रूप में किए जाने की उम्मीद है। करीब 6.10 लाख करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये (पूंजीगत मद) विकास कार्यों और नई योजनाओं के लिए उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
सरकार का पिछले कार्यकाल के पहले बजट की तरह दूसरे कार्यकाल के पहले बजट का फोकस भी किसानों पर ही रहने की संभावना है। 2017-18 के बजट में किसानों की कर्जमाफी की गई थी।
2022-23 के बजट में संकल्प पत्र की सबसे अहम घोषणाओं में शामिल किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली की सौगात दी जा सकती है। इस वादे पर अमल के लिए राज्य सरकार को सालाना करीब 1845 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करना होगा। महिलाओं व युवाओं से जुड़ी कई योजनाओं का भी एलान संभव है।
इन वादों पर भी अमल संभव
- किसानों के आलू, प्याज, टमाटर जैसी फसलों का न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए भामाशाह भाव स्थिरता कोष बनाने की घोषणा
- मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई योजना बजट का आकर्षण हो सकती है। इसमें सभी लघु एवं सीमांत किसानों के लिए बोरवेल, ट्यूबवेल, तालाब और टैंक निर्माण के लिए अनुदान की व्यवस्था का प्रस्ताव संभव। सिंचाई विभाग को 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मिलने की उम्मीद
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत वित्तीय सहायता को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की जा सकती है
- 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन (बसों) में मुफ्त यात्रा की सुविधा
- विधवा व निराश्रित महिलाओं की पेंशन में वृद्धि
- मेधावी छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत मुफ्त स्कूटी वितरण का एलान
- सभी मंडलों में एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन यूनिट की स्थापना व थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना
- नई सड़कों का काम तेजी से जारी रहेगा। लोक निर्माण विभाग को 30 हजार करोड़ तक मिल सकता है
- विश्वविद्यालयों और आईटीआई की स्थापना का काम तेज होगा
- स्वास्थ्य संबंधी ढांचागत सुविधाएं, कम कीमत में दवा उपलब्ध कराने के लिए छोटे-छोटे केंद्र और नए डायलिसिस केंद्रों की स्थापना
एक्सप्रेस-वे, मेट्रो को रफ्तार, ओडीओपी को विस्तार
एक्सप्रेस-वे, मेट्रो के काम पूरी रफ्तार से जारी रहेंगे। सभी चालू एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक बजट का बंदोबस्त होगा। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना की तर्ज पर एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज व एक मंडल-एक विश्वविद्यालय पर फोकस नजर आएगा। धार्मिक स्थलों के विकास सहित पिछले कार्यकाल की सभी महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं व कार्यक्र्तमों पर जोर बना रहेगा।
आर्थिक चुनौती बरकरार
सरकार ने कई कार्यों के लिए भारी धनराशि के आवंटन के साथ कई नए फंड बनाने का वादा किया है। लेकिन जीएसटी से क्षतिपूर्ति की व्यवस्था भी इसी वर्ष समाप्त हो रही है। अनुमान के मुताबिक राजस्व वसूली नहीं हो पा रही है। इसकी वजह कई फंड का गठन अटक भी सकता है या प्रतीक प्रावधान कर आगे बजट होने पर गठन का एलान संभव है। अर्थव्यवस्था के रफ्तार पकड़ने के बावजूद आर्थिक तंगी बनी हुई है।