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एक चूहे को पकड़ने का खर्च 41000, रेलवे ने 3 साल में बर्बाद किए 69 लाख… हाथ आए केवल 186 चूहे

चूहों से सभी लोग हैरान रहते हैं। इनकी मौजूदगी घरों से लेकर लगभग हर जगह पर है। वहीं घरों में चूहों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हुए दिखते हैं। किसी तरह से चूहों को पकड़कर घरों से बाहर किया जाता है। चूहों को पकड़ने की इस प्रक्रिया में कोई खास खर्च नहीं लगता। लेकिन रेलवे ने पता नहीं कैसे चूहों को पकड़ा कि 69 लाख रुपये की बड़ी रकम खर्च हो गई। जाहिर सी बात है कि, यह बात सुनकर आप माथा पकड़ लेंगे। मगर यह सच है। रेलवे ने आरटीआई में इसकी जानकारी दी है।

दरअसल, उत्तर रेलवे की लखनऊ डिवीजन से सूचना के अधिकार यानि आरटीआई के तहत यह पूछा गया था कि यहां चूहों को पकड़ने में कितनी राशि खर्च की गई। जिसके बाद लखनऊ डिवीजन की तरफ से जो जवाब मिला। उसमें यह बताया गया कि तीन सालों (2020 से 2022) में 168 चूहे पकड़े गए और इन्हें पकड़ने में लगभग 69 लाख रुपये की बड़ी रकम खर्च हुई। यानि रेलवे ने एक साल में 23.2 लाख रुपये खर्च किए। जबकि पकड़े गए प्रत्येक चूहे पर रेलवे का करीब 41 हजार का खर्च आया। बताया जा रहा है कि, साल 2020 में 83 चूहे पकड़े गए। 2021 में 45 चूहे और साल 2022 में 40 चूहे पकड़े गए। हालांकि आरटीआई में लखनऊ डिवीजन की तरफ से यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि चूहों की वजह से नुकसान कितना हुआ है।

फिलहाल, नुकसान की बात छोड़िए। बड़ी बात यह है कि, चूहों को पकड़ने में इतनी रकम कैसे खर्च हो गई है। आप भी यही सोच रहे होंगे कि महज 168 चूहों को पकड़ने के लिए रेलवे ने इतनी बड़ी रकम कैसे खर्च कर डाली? आखिर इतना खर्चा कैसे आ गया और वो भी जब तब चूहे भी ज्यादा नहीं पकड़े जा सके। वहीं यह पूरी रकम मात्र पिछले तीन सालों में खर्च की गई है। बताया जाता है कि, नीमच के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने चूहों को पकड़ने में उत्तर रेलवे द्वारा खर्च की गई राशि की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी।

लेकिन अब तक उत्तर रेलवे की लखनऊ डिवीजन ने ही RTI का जवाब दिया, फिरोजपुर, मुरादाबाद डिवीजन ने RTI का जवाब नहीं दिया। बता दें कि उत्तर रेलवे में 5 डिवीजन हैं जो कि दिल्ली, अंबाला, लखनऊ, फिरोजपुर और मुरादाबाद हैं। बहराल, 168 चूहों को पकड़ने के लिए 69 लाख रुपये खर्च करने का कारनामा रेलवे को सुर्खियों में ले आया है। लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। अधिकतर लोग कह रहे हैं कि, रेलवे ने चूहा पकड़ो लूट योजना चलाई है.

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