ऑस्ट्रेलियन सेंटर ने गांधी जयंती पर गोष्ठी का आयोजन किया ।
आज दिनांक 2 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर लैंग्वेज ने कैरियर गाइडेंस सेंटर के सहयोग से एक गोष्ठी का आयोजन धुन्नी सिंह नगर स्थित स्कूल में आयोजित किया ।
गोष्ठी का शीर्षक गांधीजी तथा उनकी शिक्षाओं की प्रासांगिकता आज के भारत में रहा।
इस अवसर पर आए हुए अतिथियों तथा छात्र एवं छात्राओं ने शीर्षक गांधी उनकी शिक्षाओं की प्रासंगिकता वर्तमान भारत में विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए मुख्य अतिथि श्री मोइनुल हक ने कहा आज के भारत में हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शिक्षाएं और भी अधिक प्रासंगिक हो चुकी है इस समय जबकि लोग एक दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं ऐसे समय में अहिंसा परमो धर्मा पर चलना सर्वश्रेष्ठ मार्ग है विशेष अतिथि श्री इरफान ने कहा गांधीजी के विचार कई पुरातन धर्मों के विचारों से मेल खाते हैं गांधी जी से पहले इस्लाम धर्म के प्रवर्तक मोहम्मद साहब ने भी अहिंसा के मार्ग पर चलकर दिखाया मोहम्मद साहब पर पत्थर बरसाए गए उन पर कूड़ा फेंका गया उनके राह में कांटे बिछाए गए इसके बाद भी उन्होंने अपने दुश्मनों को बद्दुआ नहीं दी बल्कि उनकी बीमारी पर उनका हालचाल लेने गए विशिष्ट अतिथि श्री नसीम ने कहा जो लोग गांधी जी से नफरत करते हैं दरअसल उन्हें गांधीजी से नहीं अहिंसा से नफरत वह एक हिंसक समाज बनाना चाहते हैं कार्यक्रम के संयोजक एवं ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर लैंग्वेज के प्रबंधक श्री तारिक़ खान ने गांधी जी की फोटो पर माला पहनाकर गांधी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए श्री तारिक़ खान ने कहा गांधीजी हमारे देश के राष्ट्रपिता है और यह देश तभी सफल हो सकता है जब यहां के लोग वसुदेव कुटुंबकम के विचारों पर चलें तथा गांधीजी के अहिंसा परमो धर्मा के उपदेश को मानें। एक ऐसे देश में जहां अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हो वहां अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही देश को तरक्की दिलाई जा सकती है। जब सभी लोग एक दूसरे के धर्म को और उसकी मान्यताओं को सम्मान देंगे तभी समाज तरक्की करेगा समाज की तरक्की के लिए आपस में भाईचारा और प्रेम अति आवश्यक है ।ऐसा समाज कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता जहां समाज के लोग आपस में ही एक दूसरे से धर्म और जात के नाम पर लड़ते हैं ।
इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों ने अहिंसा के मार्ग पर चलने की शपथ ली तथा गांधी जी के बताए हुए आदर्शों को दूसरों तक पहुंचाने का प्रण लिया।