
दिल्ली। पुलिस की स्पेशल सेल ने विदेश में बैठे गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ गैंग की दोस्त व दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में स्थित बर्गर किंग रेस्तरां में हत्या की वारदात की आरोपी रोहतक, हरियाणा निवासी अन्नू धनखड़ (19) को गिरफ्तार किया है। उसे भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थित लखीमपुरी, यूपी से पकड़ा गया है। वह हत्या के बाद से ही फरार थी। उसे 23 सितंबर को भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया। उसे आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली लाया जा रहा है।
स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक के अनुसार, नजफगढ़ रोड, राजौरी गार्डन, दिल्ली स्थित बर्गर किंग में 18 जून, 24 को तीन युवक बाइक पर सवार होकर आए थे। एक आरोपी बाइक पर बाहर खड़ा रहा और दो बर्गर किंग के अंदर गए। इन्होंने वहां बैठे गांव चोची, झज्जर, हरियाणा (प्रतिद्वंद्वी गिरोह) निवासी अमन पर करीब से लगभग 20-25 राउंड गोलियां चलाईं। अमन की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में, हिमांशु भाऊ गैंग ने इस वारदात की जिम्मेदारी ली थी। दिल्ली पुलिस की कई टीमों के साथ-साथ एसीपी, स्पेशल सेल/एनआर राहुल कुमार सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर पूरन पंत, इंस्पेक्टर रवि तुशीर, इंस्पेक्टर कुलवीर व विक्रम की टीम भी जांच कर रही थी। टीम ने इस मामले में पहले रिटोली, रोहतक, हरियाणा निवासी बिजेंद्र उर्फ गोलू को 27 जून को गिरफ्तार कर लिया था। बिजेंद्र उर्फ गोलू ने आरोपियों की पहचान गांव- खारिया, जिला हिसार, हरियाणा निवासी आशीष उर्फ लालू, गाँव- रिधाना, जिला झज्जर, हरियाणा निवासी विकास उर्फ विक्की और रोहतक, हरियाणा निवासी अन्नू धनखड़ के रूप में की।
अनु की भूमिका मुख्य आरोपी के रूप में सामने आई
जांच के दौरान अनु धनखड़ की भूमिका एक मुख्य आरोपी के रूप में सामने आई थी। उसने पीडि़त अमन को दोस्ती करने के लिए बहाने बर्गर किंग रेस्तरां, राजौरी गार्डन, दिल्ली बुलाया था। यह जानकारी हिमांशु उर्फ भाऊ और साहिल रिटोलिया को दी। इसके बाद आशीष उर्फ लालू, विकास उर्फ विक्की और बिजेंद्र उर्फ गोलू को हिमांशु उर्फ भाऊ और साहिल रिटोलिया ने बर्गर किंग रेस्तरां भेजा। अनु धनखड़ को आखिरी बार 19 जून, 24 को कटरा रेलवे स्टेशन पर देखा गया था और तब से उसकी गतिविधियों का पता नहीं चल पाया था। अन्य दो आरोपी आशीष उर्फ लालू और विकास उर्फ विक्की की 12 जुलाई को सोनीपत क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी।
अन्नू धनखड़ का नाम पहले भी सामने आ चुका है
अनु धनखड़ का नाम पहली बार 21 जनवरी को प्रसिद्ध मातूराम हलवाई की गोहाना, सोनीपत, हरियाणा स्थित दुकान में गोलीबारी की घटना में सामने आया था। उसके बाद, वह रोहतक से गायब हो गई और दिल्ली आ गई थी।
अमेरिका में बेहतर जिंदगी का झांसा दिया था
आरोपी अनु ने बताया कि उसकी हिमांशु उर्फ भाऊ और साहिल रिटोलिया से दोस्ती है। उन्होंने उसे अपने खर्च पर यूएसए में इमिग्रेशन के लिए वीजा और अन्य दस्तावेजों की व्यवस्था करने का वादा किया था। कहा था कि वह यूएसए में एक शानदार जीवन व्यतीत करेगी।
सोशल मीडिया पर अमन से दोस्ती की
भाऊ के निर्देशों के तहत, उसने सोशल मीडिया के माध्यम से अमन को अपने साथ दोस्ती करने के लिए लुभाया। घटना के दिन उसने अमन को बर्गर किंग रेस्टोरेंट, राजौरी गार्डन, दिल्ली में मिलने के लिए बुलाया। हत्या के बाद वह मुखर्जी नगर पीजी में वापस चली गई और अपना सामान लिया। फिर, आईएसबीटी कश्मीरी गेट से वह बस से चंडीगढ़ गई और आगे अमृतसर के रास्ते कटरा पहुंची। जब वह कटरा में एक गेस्ट हाउस में थी तो हिमांशु उर्फ भाऊ ने उसे तुरंत गेस्ट हाउस खाली करने के लिए कहा। इस पर वह ट्रेन से जालंधर पहुंची और आगे चंडीगढ़ के रास्ते बस से हरिद्वार चली गई। वह हरिद्वार में 3-4 दिन रुकी और फिर बस से कोटा चली गई। वहां 4 महीने तक तलवंडी, कोटा, राजस्थान में एक पीजी में रही। इस अवधि के दौरान, वह भाऊ और साहिल के संपर्क में थी।
ऐसे भेजते थे पैसे
दोनों गैंगस्टर उसे एक दुकान विक्रेता/मनी एक्सचेंजर के माध्यम से ऑनलाइन पैसे भेजते थे। उसे भाऊ ने 22 अक्तूबर को बताया कि अब मामला शांत हो गया है। वह पीजी खाली कर दे। उसने उसे आगे बताया कि वह नेपाल होकर दुबई के रास्ते यूएसए आ सकती है। इसके अनुसार, वह पीजी से निकलकर लखनऊ होते हुए लखीमपुर, यूपी पहुंची, जहां वह भाऊ के निर्देश पर उचित समय पर सीमा पार करने का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान स्पेशल सेल की एक टीम वहां पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।