पाकिस्तान में मंदिर का मरम्मत कार्य रोका गया, वाल्मीकि समुदाय सड़कों पर उतरा
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को भेदभाव, अपहरण, रेप व जबरन धर्मांतरण जैसे अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाए आमबात हो गई है। ताजा घटनाक्रम में सिंध प्रांत के लरकाना के घासपीढ़ी इलाके में 70-80 साल पुराने वाल्मीकि मंदिर का मुरम्मत कार्य रोक दिया गया। इसके बाद भड़के इस समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। लोगों ने पाकिस्तान सरकार की भेदभावपूर्ण नीति के खिलाफ आवाज बुलंद की।
स्थानीय मीडिया के अनुसार आठ अक्टूबर को स्थानीय लोगों ने जुलूस भी निकाला। गौरतलब है कि जिला के अधिकारियों ने क्षेत्र में 70-80 साल पुराने वाल्मीकि मंदिर के मरम्मत कार्य को रोक दिया है। लोगों ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की उदासीनता के कारण पाकिस्तान में वाल्मीकि समुदाय के 100 से कम परिवार बचे हैं। प्रदर्शनकारियों ने बिना देरी किए मरम्मत का काम तत्काल शुरू करने की मांग की ताकि अगले साल के त्योहार के लिए काम समय पर खत्म हो सके। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार वाल्मीकि समुदाय के लोगों को प्रार्थना करने से रोक दिया गया है।
पाकिस्तान में गुरुद्वारों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) ने गुरुद्वारों की स्थिति पर चिंता जताई है। पीएसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह ने पाकिस्तान में गुरुद्वारों की स्थिति पर दुनिया भर के सिखों की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि अतिक्रमण करके कुछ गुरुद्वारों पर पूरी तरह से कब्जा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में दायर कई याचिकाएं विभिन्न पुलिस थानों और जिला प्रशासन के कार्यालय में लंबित हैं। उन्होंने इस प्रविधान पर भी चिंता जताई कि तीर्थयात्रियों को धार्मिक पर्यटन के लिए आठ हजार रुपये तक का भुगतान करना होगा।