ग्रेटर नोएडा

जिला गौतमबुद्धनगर में तीन माह में पकड़ी 97 करोड़ रुपए की कर चोरी

नोएडा। जिले में जीएसटी चोरी के मामले तेजी से प्रकाश में आ रहे हैं। बीते तीन माह में करीब 97 करोड़ रुपये की कर चोरी राज्य वाणिज्यकर विभाग गौतमबुद्ध नगर ने पकड़ी है। फर्जी बिल बनाकर कर चोरी करने के मामले दिल्ली-एनसीआर ही नहीं पूरे देश से जुड़े हैं।

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हर तरह के माल में कर चोरी पकड़ी गई है। इसमें आयरन एंड स्टील, पान-मसाला एवं सिगरेट, सीमेंट, किराना की सामान, इलेक्ट्रिक पार्ट आदि शामिल हैं। विभाग के संयुक्त आयुक्त मनोज कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि अप्रैल में 300.37 करोड़ रुपये टर्नओवर पर 61.16 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई थी। मई में 52 करोड़ पर लगभग 9.02 करोड़ रुपये और जून में 348.15 करोड़ रुपये पर करीब 27.02 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई थी।

उन्होंने बताया कि तीन माह में सड़कों पर अभियान चलाकर वाहनों पर लदे सामान की जांच की गई थी। इसके अलावा फर्मों में छापेमारी में तरह-तरह से कर चोरी के मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे 60 से अधिक मामले पकड़े गए हैं। इसमें लगभग 20 फर्जी फर्मे शामिल हैं। कुछ मामलों में जांच अभी जारी है। उन्होंने बताया कि दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेरठ, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल समेत स्थानों में फर्जी कंपनियों से नकली बिल के जरिए लेनदेन दिखाकर सरकार को चूना व्यापारी लगा रहे हैं।

कर चोरी के लिए तरह-तरह के तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं व्यापारी

संयुक्त आयुक्त मनोज कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि व्यापारी कर चोरी के लिए तरह-तरह के तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें बिना ईवेबिल के व्यापारी का वाहनों पर सामान ले जाना, दस्तावेजों में गड़बड़ी, फर्जी कंपनियां बनाकर उनमें छद्म निदेशक नियुक्त करके सिर्फ कागजों में कारोबार दिखा रहे हैं। इसके लिए फर्जी बिजली बिल आदि दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। फर्जी कंपनियों के जरिए वे सरकार से जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा भी करते हैं। मौके पर जाकर जांच करने पर कंपनी ही नहीं होती है या उसके स्थान पर कोई दूसरी फर्म स्थापित होती है। इसके अलावा जाली बिल के जरिए व्यापारी सामान खरीदते समय खरीद की राशि को अधिक दिखाते हैं ताकि उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट अधिक मिल सके और लेकिन सामान बेचते समय उसका मूल्य कम दिखाते हैं, जिससे टैक्स कम देना पड़े।

दस से अधिक कंपनियों पर छापेमारी जल्द

विभाग के अनुसार दस ऐसी कंपनियां चिंहिंत की गई हैं, जिनमें कर चोरी की जानकारी मिली है। इन कंपनियों की रेकी की जा रही है। जल्द ही इन पर छापेमारी होगी। उन्होंने कहा कि विभाग की लाल सूची में शामिल ट्रांसपोर्टर्स के ट्रकों की भी सख्ती से जांच हो रही है। इन ट्रांसपोर्टर्स के ट्रकों पर दो से तीन बार दस्तावेजों में हेरफेर कर सामान ले जाते पकड़ा गया है।

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