ग्रेटर नोएडाग्रेटर नोएडा प्राधिकरणदिल्ली/एनसीआरप्राधिकरण

2016 से पहले के सभी किसानों को दिए जाएंगे छह फीसदी आबादी भूखंड

–2016 के बाद सिर्फ सहमति के आधार पर ली जा रही किसानों से जमीन
–छह फीसदी आबादी भूखंड देने पर पिछले सात वर्षों में कोई बदलाव नहीं

ग्रेटर नोएडा। किसानों को छह फीसदी आवासीय भूखंड के मसले पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिछले सात वर्षों में कोई बदलाव नहीं किया है। 2016 से पूर्व जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है, उनको प्राधिकरण बोर्ड से अप्रूव्ड पॉलिसी के तहत छह फीसदी आवासीय भूखंड जरूर दिए जाएंगे। 2016 के बाद प्राधिकरण सिर्फ सहमति के आधार पर किसानों से जमीन ले रहा है और सहमति से जमीन लेने के लिए 3750 रुपये प्रति वर्ग मीटर से मुआवजे की दर निर्धारित है।

दरअसल, किसानों से जमीन प्राप्त करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने 2014 में दो विकल्प तय किए। पहला, किसान चाहे तो 2500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा और छह फीसदी आवासीय भूखंड प्राप्त कर सकते हैं। दूसरा, वे 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा ले सकते हैं, तब उनको छह फीसदी आवासीय भूखंड नहीं मिलेगा। इसके बाद 23 फरवरी 2016 को जारी शासनादेश के क्रम में प्राधिकरण की 104वीं बोर्ड बैठक (09-03-2016) में निर्णय लिया गया कि किसानों से सीधे क्रय की गई जमीन के एवज में सिर्फ 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से ही मुआवजा दिया जाएगा। चूंकि उस समय तक किसानों से सिर्फ सहमति के आधार पर जमीन लेने का प्रावधान लागू हो चुका था। इसलिए किसानों को इसके अतिरिक्त कोई अन्य लाभ देय नहीं होगा। यह प्रावधान तभी से लागू है। 05 अप्रैल 2022 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 126वीं बोर्ड बैठक में सीधे क्रय की जाने वाली जमीन के एवज में दिए जाने वाले मुआवजे की दर में 250 रुपये का इजाफा भी किया गया है। यानी 3750 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिए जाने का निर्णय लिया गया। 7 साल पुराने इस फैसले पर ही प्राधिकरण अब भी अमल कर रहा है। 2016 से पहले जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है, वे 6 % आबादी प्लॉट के पात्र हैं। किसानों को नियमानुसार मुआवजा और आबादी भूखंड अब भी देय है। इन सभी पात्र किसानों के लिए 6 फीसदी आबादी भूखंड नियोजित किए जा रहे हैं। सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर किसानों को आबादी भूखंड दिए जाने पर तेजी से काम हो रहा है। सीईओ ने आश्वस्त किया है कि सभी पात्र किसानों को आबादी के भूखंड दिए जाएंगे। इस फैसले में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसलिए किसी भी किसान को परेशान होने की जरूरत नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights