उत्तराखंड

दून मेडिकल कॉलेज में एमडी की सीटों का बढ़ा दायरा

एनएमसी ने पीडियाट्रिक्स में सात सीटों की दी स्वीकृति

प्रत्येक कॉलेज में पीजी की सौ-सौ सीटों का लक्ष्य निर्धारित

विभागीय मंत्री डॉ रावत ने जताया पीएम व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार

देहरादून। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में एमडी पीडियाट्रिक्स कोर्स के लिये सात नई सीटों की स्वीकृति प्रदान की है। यह पहली बार है जब दून मेडिकल कॉलेज को पीडियाट्रिक्स में एमडी कोर्स की मान्यता मिली है। इन सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया शीघ्र ही नीट के माध्यम से शुरू की जायेगी। सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने एनएमसी द्वारा प्राप्त इन स्वीकृति के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का आभार जताया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में आगामी शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिये एमडी कोर्स के अंतर्गत 100-100 सीटें प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि प्रदेश में सुपर स्पेसिलिस्ट चिकित्सकों की कमी को दूर किया जा सके।

सूबे के चिकत्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का व्यापक विस्तार कर सुपर स्पेशिलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करना है। इसके लिये प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर कक्षाओं के संचालन के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक संख्या में सुपर स्पेशिलिस्ट मिल सके। उन्होंने बताया कि एमडी कोर्स में अधिक से अधिक सीटों की स्वीकृति के लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एनएमसी से अपील की गई है। जिसके तहत एनएमसी द्वारा दून मेडिकल कॉलेज में एमडी पीडियाट्रिक्स कोर्स के लिये सात सीटों की मंजूरी दी गई है। विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य की आवश्यकता को देखते हुये प्रत्येक मेडिकल कॉलेज को शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिये सभी पाठ्यक्रमों में 100-100 सीटों की मान्यता का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को एनएमसी की गाइडलाइन के अनुरूप आवेदन करने के निर्देश दिये गये हैं।

विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के तीन राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून, श्रीनगर और हल्द्वानी में पीजी कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। जिनमें एनएमसी द्वारा 19 पाठ्यक्रमों में कुल 174 सीटों की स्वीकृति मिली है। जिसमें दून मेडिकल कॉलेज में 53, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज 52 तथा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 69 सीटें शामिल है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी पाठ्यक्रम के तहत 4 सीट, एनाटोमी, माइक्रोबायोलॉजी, ऑप्थल्मोलॉजी, फॉरेसिक मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक्स व जनरल मेडिसिन में 3-3, पैथोलॉजी, कम्युनिटी मेडिसिन व ईएनटी में 2-2, फिजियोलॉजी, एनास्थेसियोलॉजी व सर्जरी में 5-5, ओबीजी 9 तथा बायोकैमिस्ट्री पाठ्यक्रम में 1 सीट शामिल है। डा. रावत ने कहा कि सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों की संख्या बढ़ाने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights