मुजफ्फरनगर में छात्र को थप्पड़ मारने का केस: SC की UP सरकार को फटकार, कहा-घटना ने राज्य की अंतरात्मा को झकझोरा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित एक प्राइवेट स्कूल में मुस्लिम छात्र को उसके सहपाठी द्वारा थप्पड़ मारे जाने की घटना को ‘गंभीर’ बताया है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच में ढिलाई के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई की और एक सीनियर आईपीएस अफसर के नेृत्व में जांच करवाने का आदेश दिया। घटना का एक वीडियो पिछले महीने वायरल हुआ था जिसमें स्कूल की प्रिंसिपल अपने छात्रों को आठ साल के मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मरवाती दिख रही हैं।
प्राइवेट स्कूल में मुस्लिम छात्र की पिटाई गंभीर घटना: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को ‘गंभीर’ बताते हुए अब तक मामले में हुई जांच पर भी असंतोष व्यक्त किया। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने कहा कि आईपीएस अधिकारी को भी एक रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ित छात्र और मामले में शामिल अन्य छात्रों की काउंसलिंग करने को भी कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को भी लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार की शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन करने में ‘विफलता’ का उदाहरण है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है और अगर किसी विशेष समुदाय का हिस्सा होने के लिए छात्रों को दंडित किया जाता है तो यह शिक्षा का अधिकार (आरटीई) का उल्लंघन है। पीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर पूरे राज्य के स्कूलों में आरटीई एक्ट लागू करने पर एक स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा।
तुषार गांधी की याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी की तरफ से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मामले की शीघ्र जांच की मांग की गई थी। 6 सितंबर को शीर्ष अदालत ने मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को मामले में स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था। इसने एसपी से छात्र और उसके माता-पिता की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अदालत को सूचित करने को कहा था।
25 सितंबर की घटना का वायरल हुआ था वीडियो
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया था और उसका जवाब 25 सितंबर तक मांगा था। मुजफ्फरनगर पुलिस ने उस शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिस पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने और कथित तौर पर अपने छात्रों को होमवर्क न करने के लिए लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहने का आरोप है। मामले के संबंध में मुजफ्फरनगर के स्कूल को राज्य शिक्षा विभाग ने नोटिस भेजा था।