राष्ट्रीय

तमिलनाडु सरकार को झटका: SC ने 24,000 क्यूसेक कावेरी का पानी छोड़ने वाली याचिका पर आदेश देने से इनकार किया

कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच का कावेरी नदी विवाद एक बार फिर से सुर्खियों में है. दरअसल अब कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि तमिलनाडु हमें पानी छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता. जबकि यह पानी की कमी वाला साल है. इस साल 25 फीसदी बारिश कम हुई. जलाशयों में पानी का प्रवाह 42.5% कम रहा. इसमें तमिलनाडु सरकार की अर्जी का विरोध किया, कहा गया है कि तमिलनाडु की मांग पूरी तरह से गलत है, क्योंकि यह एक गलत धारणा पर आधारित है कि सामान्य बारिश का साल है ना कि संकटग्रस्त साल.

इस साल बारिेश 25% कम हुई है, कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण  द्वारा दर्ज किए गए अनुसार 09.08.2023 तक और कर्नाटक में चार जलाशयों में पानी 42.5% कम हुआ है. इस साल के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून काफी हद तक विफल रहा है. इसलिए दक्षिण-पश्चिम मानसून की विफलता के कारण कर्नाटक में कावेरी बेसिन में संकट की स्थिति पैदा हो गई है. इसलिए, कर्नाटक सामान्य वर्ष के लिए निर्धारित मानदंड  के अनुसार पानी सुनिश्चित करने के लिए बाध्य नहीं है और ना ही उसे बाध्य किया जा सकता  है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी है.

कावेरी जल बंटवारा विवाद पर तमिलनाडु सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि कोर्ट कर्नाटक को निर्देश दे कि वो तमिलनाडु को अगस्त के बचे हुए दिनों में 24000 क्यूसेक पानी छोड़े. सितंबर में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की सिफारिशों में किए गए सुधार के मुताबिक 36.76 टीएमसी पानी छोड़े. बोर्ड को भी कोर्ट निर्देश दें कि वो इस रिपोर्ट के मुताबिक पहली जून से 31 जुलाई के बीच सिंचाई में हुई कमी की भरपाई के लिए मासिक रूप से निर्धारित कावेरी नदी का जल वितरण सुनिश्चित करे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button