राष्ट्रीय

मणिपुर हिंसा पर SC में हुई सुनवाई, केस गुवाहाटी में चलेगा, मामले की सुनवाई ऑनलाइन मोड में होगी

मणिपुर हिंसा के जिन मामलों की जांच सीबीआई कर रही है, उनका मुकदमा असम की राजधानी गुवाहाटी में चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक या एक से अधिक जजों को जिम्मा सौंपने को कहा है. यह सुनवाई ऑनलाइन मोड में होगी. यानी आरोपियों की पेशी और गवाहों के बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दर्ज किए जाएंगे.

2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने समेत मणिपुर हिंसा के 12 सबसे गंभीर मामले सीबीआई को ट्रांसफर किए गए हैं. जांच की निगरानी के लिए महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्तात्रेय पटसालगिकर को नियुक्त किया गया है. पटसालगिकर सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेंगे. केंद्र सरकार ने शुक्रवार (25 अगस्त) को सुझाव दिया कि मणिपुर में जातीय तनाव की स्थिति को देखते हुए सीबीआई की जांच वाले मुकदमों की सुनवाई राज्य के बाहर करवाना सही होगा.

मणिपुर के बाहर सुनवाई की अपील

केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मणिपुर में पिछले दिनों जो तनाव रहा है, उसके चलते यह जरूरी है कि न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता पर लोगों को विश्वास रहे. इसलिए मामले की सुनवाई राज्य से बाहर करवाना बेहतर रहेगा. मेहता ने यह भी कहा कि सुनवाई के लिए जज की नियुक्ति राज्य सरकार की तरफ से किए जाने की बजाय यह नियुक्ति हाईकोर्ट की तरफ से हो.

कुकी समुदाय के वकील का विरोध

मेहता ने असम में सुनवाई को सही बताते हुए कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जज की नियुक्ति करें. उन्होंने यह भी दिया कि आरोपियों और गवाहों की असम की कोर्ट में पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो. कुकी समुदाय से जुड़े संगठनों के लिए पेश इंदिरा जयसिंह, कॉलिन गोंजाल्विस और निजाम पाशा जैसे वकीलों ने असम में सुनवाई का विरोध किया. उन्होंने मिजोरम या मेघालय में सुनवाई की मांग की, लेकिन चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया. चीफ जस्टिस ने कहा कि असम एक बड़ा राज्य है. वहां सुनवाई से जुड़ी सुविधाएं मौजूद हैं.

मामले में गुवाहाटी के विशेष जज ही देंगे आदेश

सुनवाई के अंत में चीफ जस्टिस ने कहा, “हम गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध करते हैं कि वह जरूरत के मुताबिक एक या एक से अधिक जजों को सुनवाई का जिम्मा सौंपें. यह सुनवाई गुवाहाटी में हो. आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने समेत सभी मामलों पर गुवाहाटी के विशेष जज ही आदेश देंगे.”

मणिपुर के मजिस्ट्रेट दर्ज करेंगे बयान- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, “सभी आरोपी मणिपुर की जेल में ही रहेंगे. गवाहों के सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान मणिपुर के स्थानीय मजिस्ट्रेट दर्ज करेंगे. इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मजिस्ट्रेट की नियुक्ति करेंगे. जेल में बंद आरोपियों की पहचान परेड ऑनलाइन मोड में होगी.”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button