अंतर्राष्ट्रीय

मोदी और बाइडन की वर्चुअल बैठक पर टिकी रूस और चीन की नजर, जानें क्‍या है इसके मायने

नई दिल्ली: दुनिया के एक कोने में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. हर किसी की नजर इस युद्ध पर पहले से ही है, लेकिन इसी युद्ध के बीच आज दुनिया की नजरें वॉशिंगटन पर भी टिकी होंगी. क्योंकि यहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वर्चुअल बैठक होने वाली है और ये बैठक अहम क्यों है? आपको समझाते हैं.

यूक्रेन रूस युद्ध के बीच ये अहम बैठक

बीते 46 दिनों से दुनियाभर की नजरें यूक्रेन पर जमी हुई हैं. गोलाबारी जारी है, लोग पलायन कर रहे हैं. कई लोग युद्ध में अपनी जान भी गंवा रहे हैं, लेकिन आज दुनिया के दूसरे कोने में, इस युद्ध से मीलों दूर एक वर्चुअल बैठक होने वाली है. ये मुलाकात अमेरिका और भारत के बीच है. दो ऐसे देश, जो इस युद्ध में शामिल तो नहीं हैं. लेकिन इस युद्ध की जड़ों से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं.

सोमवार अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वर्चुअल बैठक होने वाली है. इस बैठक में वैसे तो COVID-19 महामारी को खत्म करने, जलवायु संकट से मुकाबला करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को लेकर चर्चा होगी.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी गंभीर चर्चा संभव

बैठक में इंडो-पैसिफिक और रूस-यूक्रेन युद्ध पर गंभीर चर्चा होना तय है. खास कर रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर UN का मंच हो या QUAD का मंच.. भारत ने इन्हीं मंचों से ये बात भी बार बार कही है कि युद्ध किसी भी मसले का हल नहीं है, बल्कि इसका समाधान भी बातचीत से ही होना चाहिए.

हाल ही में अमेरिका के डिप्टी NSA ने भारत का दौरा किया था और रूस के नाम पर भारत को चाइनीज धमकी देने की कोशिश भी की थी. लेकिन भारत पर अमेरिका के इन दबावों का असर बिल्कुल भी नहीं हुआ और उसने रूस के साथ अपनी दोस्ती जारी रखी.

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी के मुताबिक ये बातचीत दोनों सरकारों और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध गहरे करने के लिए है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि आज की मुलाकात में एक बार फिर अमेरिका-भारत के बीच मुख्य मुद्दा रूस ही रहने वाला है.

आज ही भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू बैठक होने वाली है. जिसमें दोनों देशों के रक्षामंत्री और विदेश मंत्री बातचीत की टेबल पर आएंगे. जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद से ये दोनों देशों के बीच पहली टू प्लस टू मीटिंग है. जिसमें इंडो पैसिफिक रणनीति और रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा शामिल होगा.

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