उत्तराखंडराज्य

बारिश से सड़कें बनीं तालाब, गाड़ियां डूबीं, और घरों में घुसा पानी; उत्तराखंड मौसम मानसून पूर्वानुमान

मानसून की पहली बारिश ने हरिद्वार नगर निगम की पोल खोल दी। ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से लाखों का नुकसान हुआ। शहर और देहात के कई क्षेत्रों में पानी भर गया। सबसे ज्यादा बुरे हालात मध्य हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर, भूपतवाला और ऋषिकुल कॉलोनी के थे। रानीपुर मोड़ में बारिश का पानी सिटी अस्पताल के अंदर घुस गया।

शनिवार रात से जारी बारिश रविवार को अपने साथ आफत लेकर आई। ऋषिकुल कॉलोनी में उफनते नाले की चपेट में आने से एक घर की दीवार टूट गई। दो दुकानों और एक कमरे में रखा सामान नाले में बह गया। मध्य हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर और भूपतवाला में नाले चोक होने से कई घरों और दुकानों में बारिश का पानी घुस गया। कई घरों और दुकानों में रखा लाखों का सामान खराब हो गया।

पुराने औद्योगिक क्षेत्र में शोरूम के पास नाले में भारी मात्रा में पानी आने से दीवार तोड़ते हुए ऋषिकुल तक पहुंच गया। जिससे ऋषिकुल कॉलोनी में बने मकान की दीवार को ढहा दिया। जिससे दो दुकान और एक कमरे का सारा सामान नाले में बह गया। ज्वालापुर कड़च्छ मोहल्ले में नाले का पानी किनारे बने एक मकान की दीवार और दूसरे मकान के शौचालय को बहा ले गया।

वहीं चंद्राचार्य चौक पर पानी की निकासी के लिए लगाए पंपिंग सेट फेल हो गए। जिससे सड़क पर करीब तीन फुट पानी भर गया। बारिश का पानी सिटी अस्पताल और आसपास की कई दुकानों में घुस गया। कई लोगों के वाहन पानी में फंस गए। आपदा प्रबंधन विभाग के दो पंपिंग सेट की मदद से पानी निकाला गया। नया हरिद्वार कॉलोनी में पानी की निकासी को बनाए गए नाले से बैक मारकर बारिश का पानी सीधा कॉलोनी में घुस गया। कई दोपहिया और चौपहिया वाहन पानी में डूब गए।

कनखल के कृष्णानगर के पास से गुजर रहे रजवाहे का पानी ओवरफ्लो होकर कॉलोनी में आ गया। नालियां भी पूरी तरह से चोक हो गई। कृष्णानगर में कोई घर ऐसा नहीं था, जिसमें बारिश का पानी न घुसा हो। घरों में रखा इलेक्ट्रॉनिक सामान, राशन, फर्नीचर आदि बारिश के पानी से खराब हो गया। लाटोवाली में नया नाला चोक होने से ओवरफ्लो होने लगा। कॉलोनी की गलियां जलमग्न हो गईं। संदेशनगर और हनुमंत पुरम कॉलोनी में नाले का पानी सड़क पर बह रहा था। गुरुबख्श विहार में एक प्लांट में खड़े 10 वाहन आधे पानी में डूबे थे।

ज्वालापुर में चौक बाजार, कटहरा बाजार , गुरुद्वारा रोड, पीठ बाजार, पांवधोई, चौहानान, कस्साबान, पुरानी अनाज मंडी समेत दर्जनों क्षेत्रों में सड़कें तालाब बन गईं। नालों की गंदगी निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रही थी। यहां कई दुकानों और घरों में घुटनों तक पानी था। दुकानों और रखा सामान बर्बाद हो गया। अपर रोड, विष्णु घाट और भीमगाेड़ा में बारिश के साथ सिल्ट भी आ गई। सड़कों पर सिल्ट और जलभराव के चलते लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। विष्णु घाट पर परचून और होजरी की दो दुकानों में पानी घुसने से सामान खराब हो गया।

भूपतवाला में शिवनगर, रानी गली, गंगोत्री विहार में 50 से अधिक घरों में करीब पांच फुट पानी था। लोगों अपने सामान को बचाने के लिए पानी को बाल्टी और मग की सहायता से निकालते रहे। लोगों ने बताया कि कई बार निगम से नालों की सफाई की मांग की गई। नाले साफ न होने का खामियाजा भुगतना पड़ा।

जलभराव से निपटने के लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल स्वयं मैदान में उतरे। डीएम ने रानीपुर मोड़, भगतसिंह चौक, बहादराबाद, वाल्मीकि बस्ती, लाटोवाली, कृष्णानगर, बहादराबाद, रानीगली, बस अड्डा, मॉडल कॉलोनी और देवपुरा में जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द जलनिकासी के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। वहीं ऋषिकुल में क्षतिग्रस्त मकान को देखने के बाद अधिकारियों को प्रभावितों को मुआवजा देने की कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा।

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