बागपत में दांव पर धुरंधरों की प्रतिष्ठा, रालोद और भाजपा के लिए बड़ी चुनौती
बागपत। चुनाव मैदान में तीनों विधानसभा सीटों पर भले ही 28 प्रत्याशी रहे हो, लेकिन हर सीट पर भाजपा व रालोद में सीधी टक्कर है। अब मतगणना के साथ यह साफ हो जाएगा कि तीनों सीटों पर दोबारा कमल खिलेगा या रालोद खोई हुई जमीन को पाने में कामयाब होगा। वहीं, चुनाव में प्रत्याशियों के साथ ही सांसद, जिलाध्यक्ष व बाहर से आए नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की स्थिति भी काफी हद तक इन परिणाम से साफ होगी।
बागपत विधानसभा सीट
बागपत विधानसभा सीट पर दो लाख 12 हजार 784 मतदाताओं ने वोट डाला था। इस सीट पर वर्ष 2017 में भाजपा के योगेश धामा ने जीत दर्ज की थी। बसपा से अहमद हमीद दूसरे नंबर पर रहे थे। इस बार भाजपा से योगेश धामा तो रालोद-सपा गठबंधन से अहमद हमीद मैदान में हैं। देखना है कि योगेश धामा दोबारा जीत हासिल करते हैं या अहमद हमीद रालोद का हैंडपंप चलाने में कामयाब रहते हैं।
ये हैं प्रत्याशी
योगेश धामा-भाजपा
अहमद हमीद-रालोद-सपा गठबंधन
अरुण कसाना-बसपा
अनिल देव त्यागी-कांग्रेस
बड़ौत विधानसभा सीट
बड़ौत विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 94 हजार 529 मतदाताओं ने वोट डाला। इस सीट पर वर्ष 2017 में भाजपा से केपी मलिक ने जीत दर्ज की थी। वहीं, रालोद से साहब सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार भी भाजपा से केपी मलिक तो रालोद-सपा गठबंधन से एडवोकेट जयवीर सिंह मैदान में उतारे गए। इन दोनों के बीच सीधी टक्कर रही। हालांकि अब मतगणना से साफ होगा कि केपी मलिक के सिर दोबारा ताज सजता है या जयवीर सिंह कुर्सी पर काबिज होंगे। इस सीट पर सबसे कड़ी टक्कर बताई जा रही है।
ये हैं प्रत्याशी
केपी मलिक-भाजपा
जयवीर तोमर-रालोद-सपा गठबंधन
अंकित शर्मा-बसपा
राहुल कश्यप-कांग्रेस
छपरौली विधानसभा सीट
छपरौली विधानसभा सीट पर दो लाख आठ हजार 471 वोट डाले गए थे। इस सीट पर वर्ष 2017 में रालोद से चुनाव लडक़र सहेंद्र सिंह रमाला विधानसभा में पहुंचे थे। उन्होंने भाजपा के सत्येंद्र सिंह को हराया था। हालांकि चुनाव जीतने के बाद सहेंद्र सिंह भाजपा के साथ चले गए थे। इस बार भाजपा ने सहेंद्र सिंह रमाला को चुनाव में उतारा। उनके सामने रालोद-सपा गठबंधन ने पूर्व विधायक डॉ. अजय कुमार को प्रत्याशी बनाया। इस सीट का इतिहास रहा है कि इस पर चौधरी चरण सिंह, उनके परिवार के लोग व रालोद के नेता ही चुनाव जीते हैं। इस बार सहेंद्र सिंह ने मजबूती से चुनाव लड़ा और मतगणना के साथ साफ हो जाएगा कि वे इतिहास रचने में कामयाब होते हैं या फिर से यह सीट रालोद के पाले में जाएगी।
ये हैं प्रत्याशी
सहेंद्र सिंह रमाला-भाजपा
डॉ. अजय कुमार-रालोद-सपा गठबंधन
शाहिन चौधरी-बसपा
यूनुस चौधरी-कांग्रेस