RBI ने PAYTM से पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए दोबारा आवेदन करने को कहा
भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट सर्विसेज के पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए दी गई एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है. पेटीएम पेमेंट सर्विस जो कि पेटीएम की सब्सिडियरी है, इस एप्लीकेशन के खारिज होने के बाद फिलहाल ऑनलाइन मर्चेंट्स को अपने प्लेटफार्म से जोड़ नहीं पाएगी. आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड की दी गई एप्लीकेशन को मंजूर ना करते हुए इसे दोबारा आवेदन करने के लिए कहा है.
क्या है पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस
पेमेंट एग्रीगेटर एक सर्विस प्रोवाइडर होता है जो सभी तरह के पेमेंट्स के ऑप्शन को एक ही जगह मुहैया करा सकता है. कंपनी ने 26 नवंबर को कंपनी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी है. कंपनी की ओर से एक्सचेज को बताया गया कि इस रोक का कंपनी के कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
दूसरी बार खारिज हुआ पेमेंट सर्विसेज का लाईसेंस आवेदन
पेटीएम की ये एप्लीकेशन दूसरी बार खारिज हुई है. कंपनी ने सितंबर 2021 में सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर दोबारा आवेदन दिया था. इससे पहले दिसंबर 2020 में पेमेंट एग्रीगेट से जुड़ी सभी सेवाओं को पेटीएम पेमेंट सर्विस को ट्रांसफर करने के लिए आरबीआई को आवेदन दिया था, जिसे बैंकिंग नियामक ने खारिज किया था. पेटीएम ब्रांड को ऑपरेट करने वाली वन97 कम्युनिकेशन (OCL) की ओर से ये एप्लीकेशन गई थी.
दो कंपनियों के आवेदन ही हुए खारिज
बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम के अलावा केवल मोबीक्विक के आवेदन को ही खारिज किया है.
आरबीआई ने क्यों लगाई रोक?
आरबीआई की पेमेंट एग्रीगेटर गाइडलाइंस के मुताबिक, कोई एक कंपनी पेमेंट एग्रीगेटर सर्विस के साथ ई- कॉमर्स मार्किटप्लेस नहीं मुहैया करा सकती है. ऐसे में जो कंपनी ये दोनों मुहैया कराती है उसे अपनी पेमेंट एग्रीगेटर सेवाओं को कॉमर्स मार्किटप्लेस से अलग करना होगा.
कंपनी ने अपने बयान में क्या कहा
पेटीएम की ओर से बयान में कहा गया है कि हम ऑफलाइन मर्चेंट्स को प्लेटफार्म से जोड़ना जारी रखेंगे. कंपनी का मौजूदा बिजनेस भी मौजूदा ऑनलाइन मर्चेंट्स के साथ जारी रहेगा. कंपनी के प्लेटफॉर्म पर जो मौजूदा ऑनलाइन मर्चेंट्स हैं उनके साथ बिजनेस पहले की तरह जारी रहेगा.