उत्तर प्रदेशराज्य

रामपुर के नवाब: देश-विदेश के 16 वारिसों में ऐसे बंटेगी अरबों की जायजाद, 49 साल चली कानूनी जंग

देश के बड़े नवाब परिवारों में शुमार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर के नवाब (Rampur Nawab) परिवार की संपत्ति का विवाद आखिरकार सुलझ गया है. अब रामपुर (Rampur) नवाब परिवार की संपत्ति बंटवारा शरीयत के अनुसार होगा. जानकारी के मुताबिक करीब 49 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खान ने आखिरकार 26 अरब से अधिक की संपत्ति के बंटवारे को मंजूरी मिल गई है.

असल में संपत्ति का विवाद काफी पुराना है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज की अदालत में चल रहे विवादित इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया और कोर्ट के फैसले के आधार पर नवाब की संपत्ति को सभी 16 वारिसों के बीच बांटा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संपत्ति वितरण विवाद को लेकर वर्ष 2019 में आया था और अब इस संपत्ति को 16 लोगों के बीच बांटा जाएगा.

जानकारी के मुताबिक संपत्ति विवाद के हल होने के बाद 16 लोगों को नवाब की संपत्ति का बंटवारा किया जाएगा. जिसमें स्वर्गीय मुर्तजा अली खान की बेटी निखत बी, बेटा मुराद मियां और दूसरे पक्ष के दिवंगत मिक्की मियां की पत्नी और पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, उनके बेटे नावेद मियां और बेटियों समेत 16 लोगों में ये संपत्ति विभाजित की जाएगी.इनमें बेगम नूरबानो, नवाब काजीम अली खान रामपुर में रहते हों, लेकिन तलत फातिमा हसन पत्नी कामिल हसन कैलिफोर्निया में रहती हैं. समन अली खान उर्फ समन खान महाराष्ट्र में रहते हैं जबकि सैयद सिराजुल हसन बैंगलोर में रहते हैं और गिजाला मारिया सैगबर्ग जर्मनी में रहते हैं. इसके साथ ही नवाब परिवार के अन्य लोग दिल्ली, लखनऊ से लेकर अन्य स्थानों पर रहते हैं.

जानकारी के मुताबिक नवाब की संपत्ति में पहले 18 दावेदार थे. लेकिन इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई. दिलचस्प ये है इन दोनों मृतकों का कोई वारिस नहीं है. जिसके बाद अब संपत्ति 16 लोगों में विभाजित की जाएगी. जानकारी के मुताबिक नवाब परिवार की संपत्तियों में कोठी खासबाग, बेनजीर बाग, नवाब रेलवे स्टेशन, सरकारी कुंडा और शाहबाद के लक्खी बाग शामिल है. इसके साथ ही गहने और हथियार जैसी कीमती वस्तुएं भी हैं।

असल में नवाब परिवार में संपत्ति के बंटवारे का विवाद 1974 से चल रहा है. नवाब रजा अली खान की मौत के बाद उनके बड़े बेटे नवाब मुर्तजा अली खान ने इस संपत्ति पर कब्जा कर लिया था और रजा अली खान के छोटे बेटे मिक्की मियां और अन्य बेटे-बेटियों ने इस संबंध में कोर्ट में केस दायर किया था. उनका दावा था कि संपत्ति का बंटवारा शरीयत के अनुसार होना चाहिए, जबकि मुर्तजा अली खान की ओर से दलील दी गई थी कि राजपरिवार के कानून के अनुसार राजा का सबसे बड़ा बेटा संपत्ति का मालिक है. इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट के आदेश के जिला जज कोर्ट में मूल्यांकन और वितरण की प्रक्रिया पर मुहर लगा दी है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights