अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान सरकार की संविधान में संशोधन की योजना के खिलाफ पीओके में हुआ विरोध तेज

नई दिल्ली. पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के सभी 10 जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और जनसभाएं देखी जा रही हैं. दरअसल पीओजेके की जनता पाकिस्तान सरकार की उस योजना का कड़ा विरोध कर रही है, जिसके माध्यम से कथित तौर पर ‘आज़ाद कश्मीर’ कहे जाने वाले इस क्षेत्र की संवैधानिक स्थिति को ठीक करने के लिए 15वां संशोधन लाया गया है. पीओजेके एक स्वशासित राज्य है जिसका अपना अलग राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और आधिकारिक ध्वज होता है. इस्लामाबाद कश्मीर मामलों के संघीय मंत्रालय और एक निर्वाचित निकाय, कश्मीर परिषद के माध्यम से इस क्षेत्र को नियंत्रित करता है, जिसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करते हैं.

जून 2018 में, संविधान 13वें संशोधन के जरिए पीओजेके विधानसभा को कानून बनाने और कॉरपोरेट टैक्स को छोड़कर अन्य टैक्स एकत्र करने की शक्ति दी गई. हालांकि, उस दौरान भी पीओजेके में  उच्चतर अदालत के न्यायाधीशों, इसके मुख्य चुनाव आयुक्त का चुनाव करने की शक्ति और आपातकालीन प्रावधानों को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पास ही रहने दिया गया था. अब यदि 15वां संसोधन स्वीकृत हो जाता है, तो नए मसौदे के तहत 13वें संशोधन के उस नियम को वापस ले लिया जाएगा, जिसके अंतर्गत स्थानीय सांसदों को इस्लामाबाद की मंजूरी के बिना प्रमुख राजनीतिक और आर्थिक निर्णय लेने का अधिकार दिया था.

पाकिस्तान सरकार ने पीओजेके को लिखा पत्र

रिपोर्टों में कहा गया है कि 1 जुलाई को इस्लामाबाद में स्थित कश्मीर मामलों के मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव ने पीओजेके के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पीओजेके के अंतरिम संविधान में संशोधन के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. पत्र में पीओजेके सरकार से विचार-विमर्श में भाग लेने के लिए अपने तीन सदस्यों को नामित करने को कहा गया है. पीओजेके के अनुसार, पाकिस्तान की सरकारों और राज्य के बीच असमानता है. वे नहीं चाहते कि स्थानीय निकायों से वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियाँ छीनी जाएं.

पीओजेके में विरोध-प्रदर्शन

संविधान संशोधन की योजना के खिलाफ मुजफ्फराबाद के गिलानी चौक पर शुक्रवार को बंद का आह्वान किया गया. प्रदर्शनकारी पाकिस्तान से यह मांग कर रहे हैं कि वे अपने सैनिकों को पीओजेके के क्षेत्रों से बाहर निकालें. इलाके के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं. इस बीच, पाकिस्तान में जम्मू और कश्मीर राज्य की आजाद सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर खान का भव्य स्वागत किया गया.

कैसे संचालित होता है पीओजेके का प्रशासन

15वां संशोधन पिछले 75 वर्षों में क्षेत्र (आजाद कश्मीर) की संवैधानिक स्थिति निर्धारित करने का 24वां प्रयास होगा. पीओजेके का शासन एक अंतरिम संविधान के तहत चलाया जाता है, जो किसी को भी उस वक्त तक नौकरी पाने या चुनाव में भाग लेने से रोकता है, जब तक कि वह पाकिस्तान और इस्लाम के प्रति वफादारी की शपथ नहीं लेता. पीओजेके को पाकिस्तान सरकार द्वारा भाड़ के अधिकारियों द्वारा चलाया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन अधिकारियों को पाकिस्तान द्वारा विभिन्न प्रशासनिक और वित्तीय क्षेत्रों का प्रभार लेने के लिए पीओजेके में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है. ऐसा ही एक अधिकारी पाकिस्तान द्वारा नियुक्त मुख्य सचिव होता है, जिसके पास पीओजेके के राजनीतिक प्रशासन का प्रभार होता है. इसी तरह, एक अन्य अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक है, जो कि पीओजेके में पुलिस और कानून व्यवस्था को नियंत्रित करता है.

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