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सिम कार्ड डीलरों का पुलिस वेरिफिकेशन हुआ अनिवार्य, सायबर फ्रॉड पर शिंकजा कसने के लिए सरकार ने लिया फैसला

देश में मोबाइल नंबरों के बढ़ रहे फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए आज सरकार ने एक साथ दो बड़े फैसले लिए हैं। पहला फैसला देश में थोक में सिम कार्ड की खरीदी से जुड़ा हुआ है, जिस पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं दूसरी ओर अब सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। दूसरी ओर अब देश भर में मौजूद सिम कार्ड विक्रेताओं पर पुलिस की नजर रहेगी। सरकार ने सभी विक्रेताओं का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि देश में फर्जी कागजातों के माध्यम से सिम कार्ड लेने की बढ़ रही घटनाओं और फिर इन नंबरों के चलते होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगानी है।

सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन किए बंद 

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने सिम कार्ड डीलर का पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया है और थोक में ‘कनेक्शन’ देने का प्रावधान अब बंद कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन बंद कर दिए हैं। 67,000 डीलर का नाम काली सूची में डाला गया है। मई, 2023 से सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। वैष्णव ने कहा कि व्हॉट्सएप ने खुद से करीब 66,000 खातों को ब्लॉक कर दिया है जो धोखाधड़ी के कृत्यों में शामिल थे।

बिना वेरिफिकेशन बेचा सिम तो 10 लाख का जुर्माना 

वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ अब हमने धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए सिम कार्ड डीलर का पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले डीलर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।’’ मंत्री ने कहा कि 10 लाख सिम डीलर हैं और उन्हें पुलिस सत्यापन के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।

अब कंपनियां नहीं ले पाएंगी थोक में सिम

वैष्णव ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने थोक में ‘कनेक्शन’ देने की सेवा को भी बंद कर दिया है। इसके स्थान पर व्यावसायिक कनेक्शन की एक नई अवधारणा पेश की जाएगी। वैष्णव ने कहा, ‘‘ इसके अलावा व्यवसायों का केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) और सिम लेने वाले व्यक्ति का भी केवाईसी किया जाएगा।’’ केवाईसी के जरिये किसी संस्थान या निवेशक की पहचान और पते को प्रमाणित करने में मदद मिलती है।

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