दिल्ली/एनसीआरनोएडा

उत्तराखंड में भी यूपी माडल पर पुलिस कमिश्नरेट लागू करने का विचार शुरू

नोएडा। उत्तर प्रदेश में 13 जनवरी 2020 को दो जिलों गौतमबुद्ध नगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) व लखनऊ में शुरू हुई कमिश्नरी प्रणाली अब अन्य राज्य के जनपद में भी माडल के रूप में सामने आ रही है। नोएडा माडल पर उत्तराखंड में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने पर विचार चल रहा है। बीते नौ दिसंबर को मध्य प्रदेश के दो महत्वपूर्ण जिलों भोपाल व इंदौर में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।

बताया गया है कि हाल में जहां यह व्यवस्था लागू हुई और जहां होने वाली है वहां नोएडा में संगठित अपराध के खिलाफ हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई का हवाला दिया गया है। दो वर्ष में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अपराधियों की 150 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। 100 से अधिक बदमाश पुलिस की गोली का शिकार होकर सलाखों के पीछे पहुंच चुके है। उद्यमियों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध हुआ है। रंगदारी पर लगाम लगी है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने अन्य जनपद में कमिश्नरी प्रणाली लागू करने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पहले गौतमबुद्ध नगर व लखनऊ में कमिश्नरी प्रणाली लागू की। कुछ समय बाद यह व्यवस्था कानपुर व वाराणसी में भी शुरू कर दी गई।

आइपीएस आलोक सिंह को गौतमबुद्ध नगर का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया, जो कि वर्तमान में भी है। गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कुख्यात सुंदर भाटी, रणदीप भाटी व अनिल दुजाना गिरोह के बदमाशों पर कार्रवाई की। अवैध धन से अर्जित की गई कार, मकान, दुकान, जमीन सब जब्त कर ली गई। अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया गया। इस वजह से अन्य जनपद में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने पर विचार शुरू हुआ।

कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से ला एंड आर्डर में सुधार हुआ है। पहले के मुकाबले सड़कों पर पुलिस अब ज्यादा नजर आती है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अब लोग निवेश करने में भी आगे आ रहे है। इस मुख्य कारण सुरक्षित वातावरण है

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