PM मोदी बोले- आपदा किसी एक जगह की समस्या नहीं, ऐसे समय में सभी को होना चाहिए एकजुट
नई दिल्ली: डिज़ास्टर रेज़िलिएन्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर शिखर सम्मेलन 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपस में जुड़ी हुई दुनिया में, आपदाओं का प्रभाव केवल स्थानीय नहीं होगा, बल्कि एक क्षेत्र में आपदा का, एक पूरी तरह से अलग क्षेत्र में बड़ा प्रभाव हो सकता है. इसलिए, हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत होनी चाहिए, अलग-थलग नहीं. इस वर्ष के सम्मेलन का विषय ‘डिलीवरिंग रेजिलिएंट एंड इनक्लूसिव इन्फ्रास्ट्रक्चर’ है. इस प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम में 20 से ज्यादा देशों से 50 वैश्विक संगठनों, निजी क्षेत्र और शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि के तौर पर लगभग 90 विशेषज्ञ शामिल हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि यह भी उत्साहजनक है कि सिर्फ सरकारें ही इसमें शामिल नहीं हैं, बल्कि वैश्विक संस्थाएं और निजी क्षेत्र भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. कुछ ही वर्षों में, 40 से अधिक देश सीडीआरआई का हिस्सा बन गए हैं. इस प्रकार यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बनता जा रहा है. उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं, छोटे देश और बड़े देश, वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण इस मंच पर एक साथ आ रहे हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर को किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना चाहिए और संकट के समय में भी लोगों की सेवा करनी चाहिए. सोशल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जितना ही महत्वपूर्ण है.
इस वर्ष के सम्मेलन का विषय ‘डिलीवरिंग रेजिलिएंट एंड इनक्लूसिव इन्फ्रास्ट्रक्चर’ है. विशेष रूप से, बुनियादी ढांचा न केवल रिटर्न के बारे में है, बल्कि रीच और रेजिलिएंस के बारे में भी है. उन्होंने कहा कि पूर्व में हुई दुर्घटनाओं और उनसे सीखना ही एक रास्ता है. यहीं पर CDRI और यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण किरदार निभाता है. प्रत्येक राष्ट्र और क्षेत्र विभिन्न प्रकार की आपदाओं का सामना करता है. समाज बुनियादी ढांचे से संबंधित स्थानीय ज्ञान विकसित करते हैं, जो आपदा का सामना कर सकते हैं. बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करते समय इस तरह के ज्ञान को उपयोग करने की आवश्यकता होती है.
भारत की अगुवाई वाला सीडीआरआई नयी दिल्ली में आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है. इस प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम में 20 से ज्यादा देशों से 50 वैश्विक संगठनों, निजी क्षेत्र और शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि के तौर पर लगभग 90 विशेषज्ञ शामिल हैं. इसमें अधिक मजबूत दुनिया के लिए संभावित समाधानों को बढ़ाने और आपदा एवं जलवायु अनुकूल उद्देश्यों की सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया जाना है. सम्मेलन में बुनियादी ढांचे में मजबूती लाने और आपदाओं के बढ़ते मामलों तथा प्रभाव के कारण लोगों और समुदायों के लिए आवश्यक सेवाओं की पहुंच, वितरण और निरंतरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देने का प्रयास किया जाएगा.