प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया। इसके बाद वे आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के दर्शन के लिए गए। साल 2017 में जब पीएम मोदी केदारनाथ आए थे तो उन्होंने कहा था कि शंकराचार्य की प्रतिमा भव्य और दिव्य होगी। इसके बाद पिछले साल ही पीएम मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। इस बार वे जब आए तो प्रतिमा को नमन करना नहीं भूले।
केदारनाथ धाम में बनी आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा पीएम मोदी के लिए बहुत खास रही है। 2013 की आपदा में केदारनाथ में आदिगुरु शंकराचार्य का समाधि स्थल और उनकी मूर्ति मंदाकिनी नदी के सैलाब में तबाह हो गई थी।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई है। यह भगवान केदारनाथ के मंदिर के पास छह फीट नीचे खुदाई कर बनाई गई है।
आदिगुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति कृष्णशिला पत्थर पर बनाई गई है। मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी ने 120 टन के पत्थर पर शंकराचार्य की प्रतिमा को तराशा था। छेनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इसका वजन लगभग 35 टन है। इस मूर्ति को बनाने के लिए योगीराज को नौ महीने तक प्रतिदिन 14-15 घंटे काम करना पड़ा था।
प्रतिमा की चमक के लिए उसे नारियल पानी से पॉलिश किया गया है। बता दें कि समाधि का निर्माण 36 मीटर गोलाकार में किया गया है जिसकी गहराई छह मीटर है। समाधि तक प्रवेश व निकासी के लिए अलग-अलग 3 मीटर चौड़े व 40 मीटर लंबे दो रास्तों का निर्माण किया गया।
आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण के लिए देश भर के मूर्तिकारों की ओर से अपना मॉडल पेश किया गया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से योगीराज शिल्पी को प्रतिमा तैयार करने के लिए अनुबंध किया गया था।