अंतर्राष्ट्रीय

पूरे देश में बाढ़ की स्थिति में पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की ‘फ्लैश अपील’ करेगा शुरू

इस्लामाबाद: विनाशकारी बाढ़ को देखते हुए पाकिस्तान की सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है। विनाशकारी बाढ़ को “राष्ट्रीय आपातकाल” बताते हुए पाकिस्तान सरकार ने लोगों से संकट की इस घड़ी में देश की मदद का आह्वान किया है और असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आने का आग्रह किया है। वहीं, कई मित्र देशों से भी इस आपात स्थिति आर्थिक मदद और अन्य तरह की सहायता मिल रही हैं। पाकिस्तान की स्थिति काफी ज्यादा खराब हो चुकी है और बाढ़ में मरने वालों की संख्या करीब एक हजार तक पहुंच गई है, जिसको देखते हुए सरकार ने आपातकाल का ऐलान कर दिया है।

116 जिले बुरी तरह से प्रभावित

पाकिस्तान सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के 160 जिलों में से 116 जिले भयंकर बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं और करीब 3 करोड़ लोग गंभीर मुसीबत में फंस गये हैं। पाकिस्तान आपातकालीन विभाग एनडीएमए ने कहा है कि, करीब सवा 2 लाख लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, “यह एक राष्ट्रीय आपातकाल है और हमें इसे इस तरह से देखना होगा।” रहमान और पाकिस्तान सरकार की एक और मंत्री मरियम औरंगजेब, दोनों ने जोर देकर कहा कि सरकार लोगों को राहत देने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन संसाधनों की कमी एक बड़ी समस्या है। औरंगजेब ने कहा कि, “संघीय सरकार प्रांतों के साथ मिलकर बहुत प्रयास कर रही है और संसाधन जुटाए जा रहे हैं।”

पाकिस्तान के पास नहीं हैं पैसे

पाकिस्तान सरकार की मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि, इस भीषण बाढ़ से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा संसाधनों की जरूरत है, जिसके लिए बड़ी मात्रा में धन की जरूरत है, ऐसे में पूरे देश के पाकिस्तानियों को चंदा देने की जरूरत है, ताकि जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि, “संकट में लोग हमारी मदद की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आइए हम सब एक दूसरे का समर्थन करें।” सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि, स्थानीय और विदेशी पाकिस्तानी नागरिक, प्रधानमंत्री राहत कोष में खाता #G-12164 से चंदा जमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी पाकिस्तानी वायर ट्रांसफर, मनी सर्विस ब्यूरो, मनी ट्रांसफर ऑपरेटरों और एक्सचेंज हाउस के माध्यम से भी दान भेज सकते हैं।

अब तक 2 करोड़ लोग हुए बेघर

पाकिस्तान सरकार की तरफ से आधिकारिक आंकड़े जारी करते हुए कहा गया है कि, विनाशकारी बाढ़ की वजह से अब तक करीब 2 करोड़ लोग बेघर हो चुके हैं। शेरी रहमान ने कहा कि, “यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा है।” उन्होंने कहा कि, जलवायु परिवर्तन की वजह से पाकिस्तान इस भीषण मुसीबत में फंसा है। वहीं, मरियम औरंगजेब ने कहा कि, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कतर यात्रा से इस्लामाबाद पहुंचने के बाद बाढ़ बचाव, राहत, पुनर्वास में सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों की बैठक की अध्यक्षता की है। उन्होंने कहा कि बचाव और राहत गतिविधियों की समीक्षा के लिए शहबाज को सुक्कुर की यात्रा करेंगे। आपको बता दें कि, पाकिस्तान में मानसून का मौसम जुलाई से सितंबर तक चलता है। इस साल मानसून और प्री-मानसून बारिश ने पाकिस्तान में 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया और एनडीएमए के आंकड़ों से पता चलता है कि 30 साल की औसत बारिश 131 मिलीमीटर थी, लेकिन 2022 सीजन में बारिश 375.4 मिमी हुई है, जो औसत से 187% ज्यादा है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर को भयानक नुकसान

एनडीएमए के आंकड़ों के अनुसार, भीषण बाढ़ ने पूरे पाकिस्तान में 670,328 घरों, 3,082 किलोमीटर सड़कों, 145 पुलों को आंशिक रूप से और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया और व्यवसायों और अन्य बुनियादी ढांचे को साफ करने के अलावा, पूरे पाकिस्तान में 793,995 पशुओं की जान गई है। सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत सिंध और बलूचिस्तान हैं। वहीं, बलूचिस्तान में लगातार बारिश हो रही है और सूबे के 26 जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। चूंकि बलूचिस्तान के अधिकांश हिस्से में पहले ही बाढ़ आ गई थी, लिहाजा लोगों की मुश्किलें काफी ज्यादा बढ़ी हुई हैं। बलूचिस्तान के क्वेटा, किला अब्दुल्ला, पिशिन, लासबेला, नसीराबाद, मस्तुंग, बरखान और बलूचिस्तान के अन्य हिस्सों में 24 घंटे से अधिक समय तक भारी बारिश हुई। बारिश और बाढ़ ने बलूचिस्तान के रेलवे लिंक को देश के बाकी हिस्सों के साथ-साथ अन्य संचार लिंक को तोड़ दिया है।

स्वात क्षेत्र में भी लगा आपातकाल

लगातार भारी बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ ने खैबर-पख्तूनख्वा, विशेष रूप से स्वात के कई क्षेत्रों में भारी कहर बरपाया है, जिसके कारण प्रांतीय सरकार को 30 अगस्त तक स्वात में आपातकाल लागू कर दिया है। जिला प्रशासन और प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) की सिफारिश पर आपातकाल लागू किया गया है, वहीं, मुख्यमंत्री महमूद खान ने संबंधित अधिकारियों को बचाव और राहत गतिविधियों में तेजी लाने का निर्देश दिया है। सीएम खान ने आगे निर्देश दिया कि बाढ़ पीड़ितों को आपातकालीन आधार पर भोजन, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएं। हालांकि, सरकार के निर्देश के बाद भी संसाधनों के भारी अभाव की वजह से ऐसा करना मुश्किल हो रहा है, लिहाजा बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।बलूचिस्तान में स्थिति काफी गंभीर

पीडीएमए के अनुसार, बलूचिस्तान में, डेरा बुगती, खुजदार, नसीराबाद और मुसाखेल जैसे अधिकांश जिलों में मॉनसून की बारिश ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है। पीडीएम ने कहा कि, सुई जिले के पास बाढ़ के दौरान पांच लोगों के साथ एक कार बह गई। तीन लोगों को बचा लिया गया, जबकि अन्य की तलाश जारी है। वहीं, खुजदार में दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि नसीराबाद में इसी तरह की घटना में एक अन्य महिला की मौत हो गई। चमन में पाकिस्तान-अफगानिस्तान और ताफ्तान में पाकिस्तान-ईरान के बीच यातायात भी भारी बारिश के कारण बाधित हो गया है, जिसने देश को अपने पड़ोसियों से जोड़ने वाले राजमार्गों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नसीराबाद, जाफराबाद, सोहबतपुर, झाल मगसी, कलात, बोलन और लासबेला जिले भारी बाढ़ का सामना कर रहे हैं।

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