अंतर्राष्ट्रीय

फिनलैंड और स्वीडन के शामिल होने के बारे में नाटो प्रमुख ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से बात की

ब्रसेल्स: नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने फिनलैंड और स्वीडन को गठबंधन में शामिल करने के मुद्दे पर अंकारा की आपत्तियों को दूर करने के लिए फिनलैंड की प्रधानमंत्री से मुलाकात की तथा तुर्की के राष्ट्रपति से भी बात की।

इस सप्ताह वाशिंगटन पहुंचे स्टोल्टेनबर्ग ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि उन्होंने फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन से मुलाकात की है और नाटो में शामिल होने संबंधी फिनलैंड और स्वीडन के आदेवन को लेकर ‘‘तुर्की की चिंताओं को दूर कर आगे बढ़ने के रास्ते पर चर्चा की है।’’

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते नॉर्डिक देशों ने नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया है लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने स्वीडन व फिनलैंड पर कुर्द उग्रवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। तुर्की कुर्द उग्रवादियों को आतंकवादी मानता है।

स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि उन्होंने एर्दोआन से ‘‘फोन पर रचनात्मक बात’’ की। उन्होंने कहा कि तुर्की ‘‘अहम साझेदार’’है।

नाटो प्रमुख ने रूसी सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर हुई खाद्यान्न की कमी के बीच यूक्रेन से अन्न का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने में तुर्की की भूमिका की प्रशंसा की।

उन्होंने ट्वीट किया कि वह और एर्दोआन अपना संवाद जारी रखेंगे। हालांकि, स्टोल्टेनबर्ग ने इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी।

एर्दोआन के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ने जोर दिया कि स्वीडन और फिनलैंड को ‘‘स्पष्ट करना चाहिए कि वे आतंकवाद को समर्थन देना बंद करेंगे’’, तुर्की को रक्षा निर्यात करने पर लगी रोक हटाएंगे और ‘‘वे गठबंधन में एकजुटता दिखाने को तैयार हैं।’’

उल्लेखनीय है कि स्वीडन और फिनलैंड उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने वर्ष 2019 में उत्तरी सीरिया पर तुर्की की कार्रवाई के बाद उसे हथियारों की बिक्री करने पर रोक लगा दी थी।

तुर्की नाटो का हिस्सा है तथा गठबंधन में किसी नए देश को शामिल करने के लिए नाटो के सभी सदस्य देशों की अनुमति आवश्यक होती है।

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