मंदिर पर हमला के पहले से ही एटीएस की रडार पर था मुर्तजा, घर पर दबिश दे चुकी थीं सुरक्षा एजेंसियां
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में रविवार देर शाम हुई घटना को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों ने CNN-न्यूज 18 को बताया कि खुफिया एजेंसियों ने 31 मार्च को ही उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ 16 लोगों के प्रोफाइल साझा किए थे, जिनमें गोरखनाथ मंदिर पर हमले की साजिश रच रहे अहमद मुर्तजा अब्बासी का भी नाम था.
उन्होंने बताया कि मार्च के अंत में राज्य पुलिस और खुफिया अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी, जिसमें साझा किए गए प्रोफाइल में से एक आईआईटी स्नातक मुर्तजा का भी था.
मुतर्जा ने रविवार शाम को गोरखनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार पर दो प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के कांस्टेबलों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था. हमलावर ने मंदिर में घुसने से रोके जाने पर कथित तौर पर ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाते हुए सुरक्षाकर्मियों पर हमला बोल दिया था.
राज्य के गृह विभाग ने कहा है कि उपलब्ध सबूतों के आधार पर इस हमले को ‘आतंक’ की घटना कहा जा सकता है. गोरखनाथ मंदिर के पास हुए इस हमले से अधिकारियों में इसलिए सनसनी फैल गई, क्योंकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी मंदिर के मुख्य पुजारी हैं. वे अक्सर यहां आते जाते हैं.
वहीं सूत्रों ने बताया कि अब्बासी इस्लामिक स्टेट को चंदा भी देता रहा है. उसने कथित तौर पर ISIS के लिए पैसे सीरिया भी भेजे थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपने डिजिटल फुटप्रिंट (इंटरनेट सर्च आदि) के कारण खुफिया एजेंसियों के रडार पर था. सूत्रों ने कहा कि जांच में बाद में पता चला कि वह कुछ ‘गंभीर गतिविधियों’ को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था.
बता दें कि गोरखपुर की एक अदालत ने सोमवार को अब्बासी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं सूत्रों ने कहा कि एजेंसियां उसे लेकर और ज्यादा जानकारी एकत्र करने पर काम कर रही हैं और जल्द ही बड़ी सफलता मिलने की संभावना है.