जयपुर से दो माह पहले लापता बहनें लखनऊ में मिलीं, जानिए कैसे बनाया था घर से भागने का प्लान
लखनऊ: जयपुर से 56 दिनों पहले लापता हुई दो सगी बहनों को बुधवार को जयपुर पुलिस ने लखनऊ पुलिस की मदद से ढूंढ निकाला है. दोनों बहनें लखनऊ में डोर-टू-डोर मच्छर भगाने की मशीन बेच रहीं थीं. दोनों बहनों को ढूंढ निकालने में एडीसीपी वेस्ट चिरंजीव सिन्हा की टीम पिछले 15 दिनों से काम कर रही थी. फिलहाल लखनऊ पुलिस ने दोनों बहनों के पिता को सूचना देकर बुलाया है.
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में तैनात ADCP वेस्ट चिरंजीव सिन्हा ने बताया कि जयपुर के चर्चित अधिववक्ता अवधेश पुरोहित की बेटी भावना (17) और रमा (16) बीते 3 फरवरी से लापता थीं. भावना 12वीं और रमा 11वीं की स्टूडेंट हैं. जयपुर पुलिस ने लखनऊ पुलिस को बताया कि ये दोनों बहनें लखनऊ में हैं. यह जानकारी मिलने के बाद लखनऊ पुलिस ने दोनों को ढूंढने के लिए 9 टीमें गठित की थीं. आज उन्हें सूचना मिली कि भावना को गुडंबा इलाके में देखा गया है जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज के जरिये उन्हें खोज निकाला गया. कुछ देर बाद दूसरी बहन रमा को भी पुलिस ने खोज निकाला.
पर्चियां उछालकर चुना था लखन
चिरंजीव सिन्हा ने बताया कि जब दोनों बच्चियों से लखनऊ आने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि जब वो घर से निकलने के लिए प्लान बना रहीं थीं, तब उन्होंने भगवान के सामने 3 पर्चियां रखीं जिसमें 3 शहर मुंबई, तमिलनाडु व लखनऊ लिखा था. पर्चियों को उछालने के बाद लखनऊ शहर का विकल्प आया. इसके बाद दोनों ट्रेन से लखनऊ आ गईं. ADCP ने आगे बताया कि ये दोनों ही बहनें लखनऊ में एक प्राइवेट कंपनी में डोर-टू-डोर मार्केटिंग का काम कर रहीं थीं. इसमें वो मच्छर भगाने की मशीन बेचतीं थीं. साथ ही, ये गुड़ंबा इलाके में ऑफिस के पास ही एक किराए के घर में रह रहीं थीं.
घर नहीं जाना चाहतीं दोनों बच्चियां
भावना व रमा की बरामदगी के बाद जयपुर से उनके पिता अवधेश पुरोहित को लखनऊ बुलाया गया. सूत्रों के मुताबिक, दोनों बच्चियों में अपने पिता को लेकर अभी भी नाराजगी है. साथ ही, वो अपने घर भी वापस नहीं जाना चाहतीं हैं. लखनऊ पुलिस के अधिकारियों ने दोनों ही बच्चियों को घर जाने के लिए प्यार से समझाया भी. पुलिस ने जब दोनों बच्चियों से पूछताछ की है तो उन्होंने बताया कि चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचते ही उन्होंने एक ऑटो लिया था. इसके बाद उन्होंने ऑटो चालाक से कहा कि वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ा सकतीं हैं. अगर कोई कम दाम में ट्यूशन लेना चाहता हो तो उन्हें बता दें लेकिन जब उन्हें कोई काम नहीं मिला तो डोर-टू-डोर मार्केटिंग का काम करने लगीं.