मायावती बोलीं- ज्यादातर विभागों में आरक्षण का कोटा अधूरा, देश में संविधान का ठीक से पालन नहीं
भारत के लोगों के लिए 26 नवंबर का दिन बड़ा ही खास होता है. दरअसल इस दिन संविधान सभा में संविधान को विधिवत रूप से अपनाया गया था. इसलिए देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. लेकिन कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने इस साल संविधान दिवस पर सरकार की तरफ से आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को बहिष्कार का ऐलान किया था. वहीं अब मायावती की पार्टी बसपा ने भी इन कार्यक्रमों से किनारा कर लिया है. आइए जानते हैं इसपर किस नेता ने इसपर अभी तक क्या कहा है.
BSP प्रमुख मायावती ने बिना नाम लिए बीजेपी पर तंज सकते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस बात की गहन समीक्षा करें कि क्या ये पार्टियां संविधान का सही से पालन कर रही हैं? अर्थात नहीं कर रही हैं. इसलिए हमारी पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संविधान दिवस मनाए जाने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने का फ़ैसला किया है. उन्होंने आगे कहा कि SC/ST, OBC वर्गों का ज़्यादातर विभागों में आरक्षण का कोटा अधूरा पड़ा है. इनके लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है. केंद्र और राज्य सरकारें इस मामले में क़ानून बनाने के लिए तैयार नहीं है. ऐसी सरकारों को संविधान दिवस मनाने का अधिकार नहीं है.
वहीं केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आज देश संविधान दिवस मना रहा है, लेकिन विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. मुझे लगता है उन्हें संविधान में विश्वास नहीं है. और जो लोग इमरजेंसी लागू कर सकते हैं उनसे संविधान में विश्वास रखने की उम्मीद नहीं की जा सकती. इसपर विपक्ष विरोध करके अपनी मानसिकता दिखा रहा है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने का फैसला किया था और आज हम संविधान दिवस मना रहे हैं. हमारा प्रजातंत्र बढ़ता चला गया है. इस प्रजातंत्र में बढ़ने का सबको अधिकार है. और वो अधिकार हमें संविधान से ही मिलते हैं.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 50 साल से ज़्यादा शासन किया और अब वो संविधान दिवस का बहिष्कार कर रही है. कांग्रेस का इस कार्यक्रम को बहिष्कार करना ये सिद्ध करता है कि वो केवल नेहरू परिवार से जुड़े लोगों का ही सम्मान करती हैं और उन्ही की जयंती मनाएगी. वो भूल गए है कि ये राजनीति से ऊपर उठकर सोचने का दिवस है.
वहीं संजय राउत ने कहा कि संविधान का देश में बहुत महत्व है. डॉ. बाबा साहब अंबेडकर के नेतृत्व में जनता को अधिकार दिए गए थे, लेकिन आज राज्य और जनता को कुचल दिया जाता है, तो संविधान का मतलब क्या होता है? कहां है संविधान? हमारी सरकार बहुमत में है. फिर भी हमारे पीछे जांच एंजेसी तो कभी राजभवन लग जाते हैं.