उत्तर प्रदेश

Mahashivratri: महाशिवरात्रि आज, यूपी में मचा धूम, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा बाबा दरवार 

वाराणसी। यूपी में महाश‍िवरात्र‍ि का पूर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंद‍िरों में हर हर महादेव के जयघोष गूंज रहे हैं। भक्‍त भोलेनाथ पर बेलपत्र और जल चढ़ा कर उनकी आराधना कर रहे हैं। महाशिवरात्रि का पर्व इस बार फागुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 17 फरवरी की रात 8.05 बजे लगा है। त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी 18 फरवरी की रात मिलने से महाशिवरात्रि के पर्व पर शनिवार की सुबह से बड़ी संख्या में शिवभक्त ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन शुरू कर दिया।

पर्व विशेष पर बन रहा शनि प्रदोष का संयोग : महाशिवरात्रि के दिन पर्व विशेष पर शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है। तिथि विशेष पर व्रत-रात्रि जागरण व चार पहर-चार प्रकार से पूजन-अर्चन का विधान है। महाशिवरात्रि व्रत का पारन 19 फरवरी को चतुर्दशी में ही किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का शुभ विवाह हुआ था। इसी कारण महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

इस साल महाशिवरात्रि पर काफी खास संयोग बन रहे हैं। महाशिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त :पंचांग के अनुसार, इस बार फागुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 17 फरवरी की रात 8.05 बजे लग रही है जो 18 फरवरी को शाम 5.43 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी लग जाएगी जो 19 फरवरी की दोपहर 3.39 बजे तक रहेगी। पर्व निर्धारण विधान : ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का विधान है। शास्त्रों में वर्णित है कि शिवरात्रि चतुर्दशी को प्रदोष व्यापिनी होना चाहिए।

अत: त्रयोदशी उपरांत चतुर्दशी हो या रात्रि में चतुर्दशी हो तब महाशिवरात्रि का व्रत-पूजन करना चाहिए। महाशिवरात्रि का व्रत शास्त्रों में सर्वोपरि बताया गया है। यह व्रत सभी प्रकार के पापों का नाश करने वाला और भुक्ति-मुक्ति देने वाला है।महाशिवरात्रि में प्रहर से पूजा विधि :शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कोई भक्त प्रहर के हिसाब से शिवजी की पूजा करना चाहते हैं, तो शिवलिंग स्नान के लिए रात्रि के प्रथम प्रहर में गाय के दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घी और चौथे प्रहर में शहद से स्नान कराने के बाद षोड्शोपचार पूजन का विधान है।

महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्त करें पूजन-अर्चन

सूर्योदय से पूर्व उठकर सभी कामों से निवृत्त हो स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। काले वस्त्र से बचें।

व्रत रख रहे हैं तो शिवजी का मनन करते हुए संकल्प लें।

मंदिर जाकर शिवलिंग में जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक करें।

शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, फूल, बेर, जौ की बाली आदि चढ़ाएं।

इसके बाद भोग लगाएं और जल चढ़ाएं।

अंत में विधिवत आरती करने के साथ मंत्र, स्त्रोत और कथा का पाठ करें।

दिनभर व्रत रखें और सभी नियमों का पालन करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights