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बिक्री के समय तक IDBI Bank में अपने निवेश की वसूली कर लेगी LIC

नई दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) को उम्मीद है कि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण (IDBI Bank privatisation) होने तक उसमें किए गए 21,624 करोड़ रुपये के निवेश की वसूली हो जाएगी. एक अधिकारी ने यह बात कही. एलआईसी को यह उम्मीद इसलिए है, क्योंकि आईडीबीआई के शेयरों (IDBI Bank Share) में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है. अधिकारी ने कहा कि पिछले साल मई में आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से शेयर की कीमत 35 रुपये प्रति शेयर से बढ़कर 45 रुपये प्रति शेयर हो गई है.

उन्होंने कहा, ”हमें आईडीबीआई बैंक के शेयरों में और तेजी की उम्मीद है. कीमत, उस स्तर तक पहुंच सकती है, जिस पर एलआईसी ने 2019 में इसमें हिस्सेदारी खरीदी थी.”

LIC और सरकार की है 94.72% हिस्सेदारी

आईडीबीआई बैंक में सरकार और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की संयुक्त रूप से 94.72 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसमें एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी है, जबकि बाकी 45.48 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास है. सार्वजनिक शेयरधारकों की हिस्सेदारी 5.28 फीसदी है.

हो सकता है फायदे का सौदा

एलआईसी ने 2019 में 61 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर 21,624 करोड़ रुपये में आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी. दिसंबर 2020 में एक क्यूआईपी निर्गम के बाद एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 49 फीसदी रह गई थी. अधिकारी ने कहा, ”आईडीबीआई बैंक का निजीकरण सरकार और एलआईसी दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा.” आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की घोषणा 2021-22 के आम बजट में की गई थी.

श्रीराम ग्रुप ने दिखाई दिलचस्पी

सरकारी बैंक आईडीबीआई बैंक को खरीदने में श्रीराम ग्रुप (Shriram Group) ने दिलचस्पी दिखाई है. केंद्र सरकार और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.7 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को तैयार है. आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई (Expression of Interest) जमा करने की आखिरी तारीख 16 दिसंबर है और सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे. आईडीबीआई बैंक को खरीदने में दिलचस्पी दिखाने की खबर के बाद श्रीराम ग्रुप की एक कंपनी के शेयरों में तेजी देखने को मिली है.

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