कुम्भकरण, मेघनाद एवं अहिरावण वध
नोएडा। श्रीराम मित्र मण्डल रामलीला समिति नोएडा द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के नौवें दिन मुख्य अतिथि मोहित बेनीवाल क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा, श्रीमती रिचा उपाध्याय चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट गौतमबुद्ध नगर, देव दत्त शर्मा पूर्व अध्यक्ष नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना प्राधिकरण, स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज पीठाधीश्वर श्री राज माता झंडेवाला मंदिर, राम कुमार तंवर महानगर अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी नोएडा,हर्ष चतुर्वेदी भाजपा आईटी सेल सहसंयोजक यूपी, प्रशांत त्यागी,रामेंद्र सिंह चेयरमैन एलपीएस स्कूल, त्रिलोक शर्मा,राजेश गुप्ता चेयरमैन जीएनआईओटी, अनिल जैन,मल्लिकेश्वर झा सहित अन्य अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर लीला मंचन का शुभारम्भ किया गया। श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति के महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने मंच संचालन करते हुए सभी उपस्थितजनों का स्वागत किया।समिति के चैयरमेन उमाशंकर गर्ग ,मुख्य संरक्षक मनोज अग्रवाल,अध्यक्ष धर्मपाल गोयल, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल द्वारा मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया। संजीवनी से लक्ष्मण की मूर्छा खुलती है। इसके बाद लक्ष्मण युद्व में मेघनाद का वध कर देते हैं । मेघनाथ वध के पश्चात पुत्र-वधु के विलाप को सुनकर लंकापति रावण ने आकर कहा- ‘शोक न कर पुत्री। प्रात: होते ही सहस्त्रों मस्तक मेरे बाणों से कट-कट कर पृथ्वी पर लोट जाऐंगे। मैं रक्त की नदियां बहा दूंगा। करुण चीत्कार करती हुई सुलोचना बोली- “पर इससे मेरा क्या लाभ होगा, पिताजी। सहस्त्रों नहीं करोड़ों शीश भी मेरे स्वामी के शीश के आभाव की पूर्ती नहीं कर सकेंगे। सुलोचना ने निश्चय किया कि ‘मुझे अब सती हो जाना चाहिए।’ किंतु पति का शव तो राम-दल में पड़ा हुआ था। फिर वह कैसे सती होती? जब अपने ससुर रावण से उसने अपना अभिप्राय कहकर अपने पति का शव मँगवाने के लिए कहा, तब रावण ने उत्तर दिया- “देवी ! तुम स्वयं ही राम-दल में जाकर अपने पति का शव प्राप्त करो। इसके बाद रावण कुभकरण को जगाता है । कुभकरण के पराक्रम से राम सेना में खलबली मच जाती है‘‘नाथ भूधराका रसरीरा । कुंभकरन आवतरन धीरा।’’तब भगवान श्रीराम बाणों से उस पर प्रहार करते है और कुंभकरण का वध कर देते है । कुभकरण वध के पश्चात अहिरावण भगवान श्रीराम से युद्व करता है और परमगति को प्राप्त होता है । रावण के कहने पर अहिरावण ने युद्ध से पहले युद्ध शिविर में उतरकर राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया। वह दोनों को पाताल लोक ले गया और एक गुप्त स्थान पर बंधक बनाकर रख लिया। राम और लक्ष्मण के अपहरण से वानर सेना भयभीत व शोकाकुल हो गई, लेकिन विभीषण ने यह भेद हनुमान के समक्ष प्रकट कर दिया कि कौन अपहरण करके ले जा सकता है। तब हनुमानजी वेग की गति से पाताल पुरी पहुंच गए। हनुमान ने अहिरावण का वध कर प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को मुक्त कराया प्रभु राम अहिरावण का वध कर देते हैं। रघुवंश सांस्कृतिक संस्थान के कलाकारों द्वारा अंतिम यद्ध से पूर्व अद्भुत युद्ध नृत्य की प्रस्तुति की गई जिसने दर्शकों का मन मोह लिया । इसी के दिन की लीला का समापन होता है। सह-कोषाध्यक्ष अनिल गोयल,उपमुख्य संरक्षक राजकुमार गर्ग,बजरंगलाल गुप्ता, चौधरी रविन्द्र सिंह, तरुणराज, एस एम गुप्ता, पवन गोयल, आत्माराम अग्रवाल, मुकेश गोयल, मुकेश अग्रवाल, शांतनु मित्तल, मनीष गुप्ता, चन्द्रप्रकाश गौड़, गौरव मेहरोत्रा, मनीष गोयल, आर के उप्रेती,गौरव गोयल,सुधीर पोरवाल, मनोज सिंघल,राजकुमार बंसल, गौरव चौधरी, संतोष त्रिपाठी, प्रवीण गोयल, अर्जुन अरोड़ा, रोहताश गोयल, बीना बाली, सहित श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के सदस्यगण व शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्तिथ रहे।
श्रीराम मित्र मण्डल रामलीला समिति के मीडिया प्रभारी चंद्रप्रकाशगौड़ ने बताया कि 05 अक्टूबर को,राम रावण युद्व, रावण वध, रावण, कुम्भ्करन, एव मेघनाथ के पुतलों के दहन का मंचन होगा। रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतलों के अलावा महंगाई, भ्रष्टाचार और महिला उत्पीड़न के पुतलों का भी दहन होगा।कार्यक्रम की शुरूआत सायं 5 बजे से होगी। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डा०महेश शर्मा एव नोएडा विधायक पंकज सिंह बाण चला कर रावण के पुतलों का दहन करेंगे । कार्यक्रम में कई प्रसाशनिक अधिकारियों के साथ – साथ गणमान्य लोग भाग लेंगे । रावण का पुतला 80 फुट, कुंभकरण का 75 फुट एवं मेघनाद का पुतला 70 फुट का होगा । जहां पर पुतले खड़े होंगे उसके आस-पास बैरिकेटिंग की व्यवस्था की जा रही है । सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के जवान एवं निजी सुरक्षा गार्ड एवं 150 सामाजिक संगठनो के कार्यकर्ता तैनात रहेंगे । जिसमें महिला गार्ड भी तैनात रहेंगी । सुरक्षा के मद्देनजर दो दर्जन सीसी टी वी कैमरे लगाये गये हैं जिस पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहकर हर हरकत पर नजर रखेंगे।