औरंगाबाद। दो पड़ोसियों से विवाद में एक किशोर बालक को अगवा किया गया। अगवा करने के दो दिन बाद किशोर की गला रेत कर हत्या कर दी गई और शव को खेत में फेंक दिया गया। मामले में पुलिस शव को बरामद करने के बाद आगे की कार्रवाई में जुटी है। घटना औरंगाबाद के कुटुम्बा थाना क्षेत्र में एरका गांव की है। मृतक की पहचान में एरका गांव निवासी जिम्मेदार पासवान के पुत्र अंकित कुमार(12) के रूप में की गई है।
परिजनों के मुताबिक अंकित गांव के ही सरकारी स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र था। वह पिछले चार दिन से घर से गायब था। अंकित रविवार की शाम घर से गांव से कुछ दूरी पर स्थित एरका कॉलोनी के पास लगने वाले ठेले पर समोसा खाने के लिए निकला था। रात आठ बजे तक जब घर नहीं पहुंचा तो परिजन चिंतित हो गए। इसके बाद परिजनों ने रात में ही उसकी काफी खोजबीन की। इसके बावजूद उसका कोई पता नहीं चला। इसके बाद दूसरे दिन सोमवार को परिजनों ने अंकित के गायब होने की सूचना पुलिस को दी।
सूचना के बाद पुलिस किशोर का पता लगाने में जुटी थी। इसी बीच बुधवार को अंकित का शव एरका स्थित घर से महज 500 मीटर दूर खेत से बरामद किया गया। बुधवार की सुबह खेत की ओर निकले एरका गांव के ही अभय कुमार ने खेत में अंकित का गला रेता हुआ शव देखा। शव को देखते ही उन्होंने तत्काल इसकी सूचना परिजनों को दी। सूचना मिलते ही परिजन समेत काफी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। सभी ने देखने के बाद शव की शिनाख्त अंकित के रूप में की। इसके बाद गांव के लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। पोस्टमॉर्टम कराने ले जाने के दौरान परिजनों ने एनएच पर शव को रोककर सड़क जाम कर दिया।
पंचनामा तैयार कर शव को कब्जे में लेने के बाद पुलिस शव को ऑटो से लेकर पोस्टमॉर्टम कराने औरंगाबाद सदर अस्पताल के लिए निकली। इसी दौरान ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए ऑटो को एरकी गांव के सामने ही एनएच-139 पर रोक दिया और सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगे। सड़क जाम किए जाने की सूचना मिलते ही अम्बा थानाध्यक्ष राहुल राज और सिमरा थानाध्यक्ष आकाश कुमार सदल बल मौके पर पहुंचे। उन्होंने घंटे भर मशक्कत कर आक्रोशितों को समझाया। मामले में शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद आक्रोशितों ने जाम हटाया। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम कराने औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया।
मामले में परिजनों का आरोप है कि सोमवार को अंकित के गायब होने की शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मामले में पुलिस यदि तत्परता दिखाई होती तो अंकित सकुशल बरामद हो जाता और उसकी जान नहीं जाती। परिजनों ने बताया कि उनके परिवार का गांव के ही दो लोगों से विवाद चल रहा था। इसी विवाद में अगवा करने के बाद अंकित की हत्या की गई है। अंकित की मां कमला देवी ने बताया कि वह मनरेगा में मजदूरी करती हूं। बताया कि रविवार को अंकित दिन भर उसक साथ था। दोपहर तीन बजे वह मेरे पास से घर गया। शाम चार बजे तक वह गांव में ही था। उन्हें बच्चों ने बताया कि रविवार की शाम सात बजे तक अंकित ने उनके साथ गांव में कबड्डी खेला। इसके बाद आठ बजे उसने गांव के ही एक दुकान से नमकीन लेकर खाया। इसके बाद वह घर की ओर चल दिया, लेकिन घर नहीं पहुंचा।
अंकित के घर नहीं आने पर परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की। लेकिन कुछ भी पता नहीं चला और आज उसकी लाश मिली। अंकित की मां ने कहा कि मेरे बेटे को दुकान से ही गायब कर दिया गया। कहा कि हमारे परिवार की गांव के ही दो लोगों से दुश्मनी चल रही है। यदि उन्हें दुश्मनी निभानी थी, तो मुझसे निभाते, मेरे बेटे के साथ क्यों किया? कहा कि गांव के अशोक पासवान से पिछले तीन साल से विवाद चला आ रहा है। एक दिन मेरा बेटा फोन पर बात कर रहा था, तो अशोक पासवान ने कहा कि तुम मेरे बारे में ही उल्टा सीधा किसी से बात कर रहे हो। मामला जब उनके घर पहुंचा, तो अशोक पासवान की पत्नी ने मेरे पति पर लाठी से वार कर दिया और केस भी कर दिया।
गांव के लोगों के समझाने पर मैंने उस पर कोई केस नहीं किया। उस केस में मैं हर सुनवाई पर कोर्ट चली जाती हूं। कहा कि वहीं दूसरा विवाद गांव के ही जगदीश राम से है। 15 से 20 दिन पहले जगदीश राम और मेरे बेटे के बीच मारपीट भी हुई थी। इन्हीं दोनों विवाद के कारण ही दोनों ने मिलकर पहले मेरे बेटे का पहले अपहरण किया। इसके बाद हत्या कर शव को खेत में फेंक दिया। कहा कि अंकित अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटा था। दो भाई और उसके पिता मजदूरी करते हैं।
मामले में कुटुम्बा थानाध्यक्ष अक्षयवर सिंह ने बताया कि पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है। वहीं, घटना के बाद से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है, उनके घर में मातम पसरा है।