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बच्चों को स्कूल भेजने से घबराने की जगह जरूरी सावधानियां बरतेंगे तो बेअसर रहेगा कोरोना

देश में कोरोना की तीसरी लहर के घटते मामलों को देखते हुए दफ्तर और स्कूल पूरी क्षमता के साथ खोलने की बात नई गाइडलाइंस में कही गई है। जिसके तहत दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में स्कूल खुल भी चुके हैं। मतलब अब बच्चे ऑफलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। गौर करने वाली बात है कि नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का संक्रमण धीमा जरूर हुआ है लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है इसलिए बच्चों को स्कूल भेजने में कुछ पेरेंट्स डर भी रह हें। हालांकि, बच्चों की पढ़ाई जरूरी है। ऐसे में न सिर्फ पेरेंट्स को, बल्कि बच्चों और स्कूलों को भी सरकार की गाइडलाइन के साथ-साथ अन्य सभी जरूरी प्रिकॉशन लेने की जरूरत है।

पूरी क्षमता से खुलें स्कूल

महामारी एक्सपर्ट की मानें तो कोरोना और इसके अन्य वेरिएंट हमारे आसपास हमेशा रहेंगे। ऐसी स्थिति कभी नहीं आएगी की कोरोना वायरस के मामले शून्य हो जाएंगे। महामारी एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहरिया कहते हैं कि कोरोना और ओमिक्रॉन वेरिएंट के साथ एक बात साफ हो चुकी है कि सॉर्स-कोव-2 का इंफेक्शन सभी में होता है, लेकिन बच्चों में खतरा न के बराबर होता है। इसलिए संक्रमण चाहे कम हो या ज्यादा, स्कूल खुलने चाहिए। भारत में स्कूल खोलने में देरी हो चुकी है। डॉक्टर्स के अनुसार, भारत में 100 परसेंट क्षमता के साथ स्कूल खुलने चाहिए। ऑनलाइन कक्षाओं के बजाय ऑफलाइन कक्षाओं में ज्यादा जोर देना चाहिए।

बच्चों को क्या करना चाहिए?

– बच्चे स्कूल में होने वाली सभी तरह की एक्टिविटीज में हिस्सा ले सकते हैं।

– समय-समय पर हाथों को धोना और सैनिटाइज करते रहना जरूरी है।

– बच्चों में मास्क और फिजिकल डिस्टेंसिंग जरूरी नहीं।

स्कूल क्या रखें सावधानी?

– क्लासेज़ में वेंटिलेशन प्रॉपर ढंग से होना चाहिए।

– टीचर्स वैक्सीनेशन जरूर करवाएं।

– कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाए।

– स्कूल बसों में भी खिड़कियां खोलकर रखें।

पेरेंट्स भी रहें सजग

– बच्चे को कोई गंभीर बीमारी है तो स्कूल न भेजें।

– बच्चों के स्वास्थ्य की रेगुलर मॉनीटरिंग करते रहें।

– घर में स्वच्छता का ध्यान रखें।

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