अंतर्राष्ट्रीय

IAF की बढ़ी ताकत, भारत को मिला पहला C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट; जानिए कितना ताकतवर है ये विमान

देश को पहला C-295 टैक्टिकल मिलिट्री एयर लिफ्ट प्लेन आज मिलेगा. इसे स्पेन के सेविले प्लांट में तैयार किया गया है, जिसे भारत लाने के लिए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंच चुके हैं. इसकी तैनाती आगरा एयरबेस में की जाएगी. C-295 टैक्टिकल मिलिट्री एयर लिफ्ट प्लेन की खूबियों पर नजर डालेंगे तो पाएंगे यह किसी बाहुबली एयरक्राफ्ट से कम नहीं है.

देश में लाए जाने वाले पहले इस एयरक्राफ्ट का इंडक्शन हिंडन एयरबेस पर होगा. दूसरा C-295 एयर लिफ्ट प्लेन मई 2024 में आएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेन से ऐसे 56 एयरक्राफ्ट लाने की योजना थी. इसमें 16 फुली रेडी विमान भारत आएंगे. अन्य 40 एयरक्राफ्ट गुजरात के वडोदरा में तैयार किए गए जाएंगे. 2024 से इन्हें तैयार करने का काम टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी करेगी. जानिए कितना खास है यह बाहुबली.

5 पॉइंट में समझें C-295 टैक्टिकल एयरक्राफ्ट की खूबियां

  1. शॉर्ट टेकऑफ और लैंडिंग में एक्सपर्ट: इसमें कई ऐसी खूबियां हैं जो इसे दूसरेऑपरेशनल एयरक्राफ्ट से अलग बनाती हैं. जैसे- इमरजेंसी के समय में इसकी मदद से शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग की जा सकती है. स्पेन की कंपनी का कहना है कि इसमें मात्र 320 मीटर की दूरी से टेक-ऑफ करने की क्षमता है. इसके अलावा लैंडिंग के लिए मात्र 670 मीटर की दूरी काफी है.
  2. पहाड़ी इलाकों के इमरजेंसी ऑपरेशन में मददगार: कम जगह में लैंडिंग और टेक-ऑफ के कारण यह देश के पहाड़ी क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है. लद्दाख, कश्मीर, सिक्किम और असम जैसे पहाड़ी इलाकों वाले क्षेत्रों के लिए मुफीद साबित होगा. इमरजेंसी के दौर में चलने वाले रेस्क्यू ऑपरेशन में यह अहम भूमिका निभाएगा.
  3. 11 घंटे लगातार उड़ान भरने के लिए तैयार: यह एयरक्राफ्ट लगातार 11 घंटे तक लगातार उड़ान भरने में सक्षम है. इसकी लम्बाई 24.45 मीटर और चौड़ाई 8.65 मीटर है. वहींं विंगस्पैन 25.81 मीटर है. इसके अलावा इसमें 12.69 मीटर लम्बा प्रेशराइज्ड केबिन दिया गया है और यह 30 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार है.
  4. 7,050 KG का पेलोड उठाने में सक्षम: C-295 टैक्टिकल मिलिट्री एयर लिफ्ट प्लेन 7,050 किलो का पेलोड उठाने में सक्षम है. यह देश के लिए कितना काम का साबित होगा, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह एक बार में 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को लेकर उड़ान भर सकता है.
  5. लोडिंग-अनलोडिंग आसान बनाता है रैम्प डोर: एयरक्राफ्ट के पिछले हिस्से में रैम्प डोर है, जो इमरजेंसी के समय सामन की लोडिंग और अनलोडिंग को आसान बनाता है. इसके अलावा इसमें टच स्क्रीन स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम दिया गया है. इसके अलावा इसमें 2 प्रैट एंड व्हिटनी PW127 टर्बोट्रूप इंजन लगाए गए हैं.

21 हजार करोड़ की डील

पहले C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की तैनाती आगरा एयरबेस में होगी. जहां इसके पायलट्स के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी अगले साल तक तैयार हो जाएगा. सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (ADSpace) के साथ C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए 21 हजार करोड़ रुपए की डील की थी.

टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड गुजरात के वडोदरा में 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी. फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है. पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में तैयार होगा. फाइनल असेम्बलिंग करने के लिए एयरबस और टाटा के हैदराबाद व नागपुर प्लांट में 14,000 से ज्यादा स्वदेशी पार्ट्स तैयार कर वडोदरा भेजे जाएंगे. कंपनी 2031 तक वायुसेना को सभी 40 एयरक्राफ्ट सौंप देगी.

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