ग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआर

किसी ज़रूरतमंद की मदद करे तो यह ज़रूर सोचे कि आप जाने अनजाने में अपने घर का कबाड़ तो नहीं दे रहे हो- रश्मि पाण्डेय

ईएमसीटी की निःशुल्क ज्ञानशाला में पढ़ने वाले ज़्यादातर बच्चे फॉर्मल स्कूल जाते है और इन बच्चो को अक्सर स्कूल जाने के लिये ज़रूरत के समान की आवश्यकता पड़ती रहती है जिसमे बच्चो को पढ़ाई लिखाई के लिए स्टेशनरी कॉपीज़, कलर, लंच बॉक्स पानी की बोतल इत्यादि कि आवश्यकता पड़ती रहती है।

ईएमसीटी टीम शिक्षा की ज़रूरत का समान विभिन्न सोसाईटी में कैम्प लगाकर एकत्र करती है, जिनमे बच्चो की आधी भरी कॉपी , पेन बचे हुए कलर अक्सर मिल जाते है।

ईएमसीटी की संस्थापक रश्मि पाण्डेय ने बताया कि कुछ दिनों पहले हमने एक डोनेशन ड्राइव चलायी थी जिसमे लोगो से बच्चो की पुरानी कॉपी पेंसिल बॉक्स टिफ़िन स्कूल बैग इत्यादि माँगा था, हमेशा संभव नहीं होता की हम लोग कुछ नया ख़रीदे इसी लिये कई बार पुरानी कॉपी और स्टेशनरी से काम चलाना पड़ता है। लेकिन कई बार लोग डोनेशन ड्राइव को अपने घर का कबाड़ निकालने का ज़रिया बना लेते है वो सोचते भी नहीं की जिसको भी हम यह दे रहे है वह बच्चे इसे प्रयोग कैसे करेंगे। यह सब सोच कर ही मन बहुत विचलित और संवेदनशील हो जाता है। साथ ही यह अनुरोध है यदि किसी की मदद करे तो यह ज़रूर सोचे कि क्या आप इस समान को इस्तेमाल कर पायेंगे, अगर टूटा और ख़राब है तो कृपया उसे कबाड़ी को दे दीजिये।

इस बार हमने सभी बच्चो के लिये नये लंच बॉक्स मँगवाये साथ ही आर्ट की कॉपी स्कूल में वितरित की जिसे पाकर बच्चे बहुत खुश हुए।

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