सरकार ने एथेनाल की खरीद मूल्य में 2.75 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि का किया फैसला
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee) ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMC) द्वारा डिस्टिलरीज से खरीदे जाने वाले एथेनॉल की लागत में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी. इस फैसले में चीनी कंपनियों से जो ऑयल कंपनियां एथेनॉल खरीदती हैं, उनकी कीमतें सरकार ने बढ़ाने का फैसला किया है. ये बढ़ोतरी 2.75 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से की गई है.
पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण बढ़ने से भारत का कच्चे तेल का आयात बिल कम करने में मदद मिलेगी. साथ ही गन्ना किसानों और चीनी मिलों को भी फायदा होगा. कैबिनेट की ओर से कहा गया है कि सभी डिस्टिलरी योजना का लाभ उठा सकेंगी और उनमें से बड़ी संख्या में ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल की आपूर्ति करने की उम्मीद है. सरकार के इस फैसले से गन्ना मिलों को डिस्टिलरीज की ओर से एथेनॉल आपूर्ति के लिए ज्यादा भुगतान मिलेगा. जब मिलों के पास ज्यादा नगदी मौजूद रहेगी तो गन्ना किसानों को जल्दी भुगतान हो सकेगा.
ये हैं एथेनॉल के नए रेट्स
सरकार ने कहा कि C हैवी मोलासेज से एथेनॉल की कीमत 46.66 रुपये से बढ़ाकर 49.41 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. B हैवी मोलासेज से एथेनॉल की कीमत 59.08 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 60.73 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. गन्ने के रस / चीनी / चीनी के सिरप से एथेनॉल की कीमत 63.45 रुपये से बढ़ाकर 65.61 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. इसके अतिरिक्त जीएसटी और परिवहन शुल्क भी देय होगा.
सरकार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना
एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत तेल विपणन कंपनियां एथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल को 10% तक बेचती हैं. वैकल्पिक और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल 2019 से अंडमान निकोबार व लक्षद्वीप द्वीप समूह के केंद्रशासित प्रदेशों को छोड़कर पूरे भारत में इस कार्यक्रम का विस्तार किया गया है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य आयात निर्भरता को कम करने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है.
एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर
सरकार ने 2014 से एथेनॉल के प्रशासित मूल्य को अधिसूचित किया है. 2018 के दौरान पहली बार सरकार द्वारा एथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले फीड स्टॉक के आधार पर एथेनॉल के अंतर मूल्य की घोषणा की गई थी. जिससे एथेनॉल की आपूर्ति में उल्लेखनीय सुधार हुआ. परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खरीद एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से बढ़ गई है.