सेना में भर्ती का झांसा देकर लाखों हड़पने वाला पूर्व जवान गिरफ्तार, एसटीएफ ने लखनऊ में दबोचा
लखनऊ। सेना में भर्ती कराने केनाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश एसटीएफ ने बृहस्पतिवार को किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों को कैंट थानाक्षेत्र के निलमथा से दबोचा है। पकड़े गए ठगों में सेना का पूर्व जवान सर्वेश कुमार भी शामिल है। वही गिरोह का सरगना है। इस गिरोह के एक अन्य सदस्य की तलाश एसटीएफ कर रही है। गिरोह का सरगना असम रायफल डोगरा रेजीमेंट में भर्ती हुआ था। छह साल बाद अवकाश पर घर आया तो वापस ही नहीं गया। उसके खिलाफ सेना के अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कराया था। नौकरी छूटने के बाद से उसने गिरोह बनाकर ठगी शुरू कर दी।
एसटीएफ के एएसपी सत्यसेन यादव के मुताबिक, जोधपुर के नारायण सिंह ने शिकायत की थी। कुछ लोगों ने उनके बेटे धर्मेंद्र को सेना में भर्ती कराने के लिए एक लाख रुपये लिए हैं। भर्ती न होने पर रुपये वापस नहीं कर रहे है। शिकायत मिलने पर एएसपी सत्यसेन की टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान इस गिरोह का नाम सामने आया। एसटीएफ की टीम ने इस गिरोह के सदस्यों की तलाश शुरू की। बृहस्पतिवार को कैंट के निलमथा इलाके से टीम ने तीन आरोपियों को दबोचा। तीनों फिरोजाबाद के नगरा निवासी सर्वेश कुमार, हरी और हरेंद्र यादव शामिल हैं।
फेल होने वाले अभ्यर्थियों की करते थे तलाश
एएसपी सत्यसेन के मुताबिक सर्वेश कुमार और उसके साथी हरि उन अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाता थाए जो सेना भर्ती की परीक्षा में फेल हो जाते थे। इन अभ्यर्थियों के परिवारीजनां को इस बात का भरोसा दिलाते थे कि नौकरी जरूर मिल जाएगी। इसके लिए सर्वेश अपना पुराने परिचय पत्र की कलर फोटो कॉपी दिखाता था। जांच में सामने आया कि सर्वेश ने धर्मेंद्र ही नहीं कई अन्य बेरोजगारों को ठगा है। इसमें स्वरूप कुमार सावंत और सरकार भी शामिल है। दोनों ने 50 हजार रुपये दिये थे। वहीं आनंद ने 60 हजार रुपये दिया था। बाकी की रकम नौकरी मिलने के बाद दी जानी थी। एक युवक कोे नौकरी दिलाने केलिए दो से चार लाख रुपये की मांग करते थे। पकड़े गये तीनों आरोपियों के खातों में छह लोगों से रुपये लेने की बात कुबूल की है। इन आरोपियों के पास सेना का परिचय पत्र, चेक बुक व अन्य दस्तावेज बरामद हुये हैं। इस गिरोह के लिये अपने खाते में रकम ट्रांसफर कराने वाले साइबर कैफे संचालक आरोपी की तलाश की जा रही है।
छह साल में सरगना ने छोड़ दी थी सेना की नौकरी
एएसपी के मुताबिक सर्वेश कुमार वर्ष 2005 में एएमसी असम रायफल डोगरा रेजीमेंट अयोध्या में सिपाही पद पर भर्ती हुआ था। सर्वेश ने बताया कि वह 2011 में नौकरी से अवकाश लेकर आया था। घर आने के बाद बीमार हो गया। इसके बाद वापस नौकरी पर नहीं गया। छह साल नौकरी करने के बाद उसके लगातार अनुपस्थित रहने के कारण सेना ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया था। मुकदमा दर्ज होने केबाद उसने अपना परिचय पत्र डाक द्वारा सेना के कार्यालय भेज दिया। जिसकी रंगीन फोटो कॉपी पहले ही करा ली थी। उसे परिचय पत्र की तरह बनवाकर अपने साथ हमेशा रखता था। जिसे दिखाकर वह लोगों को भरोसा दिलाता था