जेवर

जेवर में सबसे कम विद्यार्थियों के पास स्कूल की यूनिफॉर्म, पढ़ें पूरी खबर

जेवर ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी यूनिफॉर्म के मामले में सबसे पीछे हैं। यानी जिले में सबसे ज्यादा जेवर के सरकारी विद्यालयों में बिना वर्दी के विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। इसकी गवाही शिक्षा विभाग की हालिया रिपोर्ट दे रही है। जेवर ब्लॉक में 115 परिषदीय विद्यालय है, जिनमें 16332 विद्याथी पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें सिर्फ 57 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास ही यूनिफॉर्म है, जोकि जिले के अन्य सभी ब्लॉक के मुकाबले सबसे कम है। अब नया सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में बिना वर्दी वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़नी तय है। विद्यार्थियों की यह स्थिति जेवर के खंड शिक्षा अधिकारी व अध्यापकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।

बता दें कि ठेका प्रथा को खत्म कर इस बार सरकार सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में सीधे 1100 रुपए भेज रही है। इस रकम से बच्चों के लिए जूता मोजा, बैग व स्वेटर खरीदना है। जिले में 511 परिषदीय विद्यालय है। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रेरणा एप पर पंजीकृत विद्यार्थियों को ही यूनिफॉर्म का पैसा मिल रहा है। एप पर जिले 89,842 विद्यार्थी पंजीकृत है। कुल आंकड़े के 18 प्रतिशत बच्चे जेवर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे हैं। यूनिफॉर्म के 1100 रुपए के लिए वैसे तो जेवर ब्लॉक के 6,915 विद्यार्थी शेष हैं, लेकिन इनमें 1,300 से अधिक विद्यार्थियों का डाटा अध्यापकों ने विभाग को ही नहीं भेजा है। शिक्षक इन्हें संदिग्ध बता रहे हैं। जबकि तीन विद्यार्थियों के बारे में अध्यापकों ने स्कूलों से दाखिला कटवाने का हवाला दिया है।

बिसरख में सबसे ज्यादा बच्चों को मिला लाभ

जिले के समस्त ब्लॉक में डीबीटी की सबसे अच्छी स्थिति बिसरख ब्लॉक की है। बिसरख ब्लॉक में सबसे ज्यादा 140 परिषदीय विद्यालय है, जिनमें 41,987 बच्चे कक्षा 1 से आठ की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें 73 प्रतिशत यानी 30746 बच्चों को वर्दी का पैसा मिल चुका है। दादरी के 118 स्कूलों में 15081 बच्चे पढ़ते है, यहां 9038 बच्चों के पास यूनिफॉर्म है। दनकौर के 138 स्कूलों में 16442 बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें 10743 बच्चों के पास यूनिफॉर्म है, जबकि शेष अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।

अबतक 59,944 विधार्थियों को मिला पैसा

जिले में अबतक 59,944 बच्चों को ही यूनिफॉर्म का पैसा मिला है, जोकि कुल आंकड़े का 66 प्रतिशत है। फिलहाल शिक्षा विभाग ने 29,898 विद्यार्थियों को पैसा न मिलने का दावा किया है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि प्रेरणा एप पर परिषदीय सकूलों के शत प्रतिशत बच्चे रजिस्टर्ड नहीं है। जिले में कुल बच्चों की संख्या एक लाख से अधिक है। पोर्टल पर अबतक सिर्फ 62 हजार विद्यार्थियों के खातों की जानकारी ही अपलोड की गई है। वहीं 1,307 बच्चों का खाता आधार से लिंक न होने के से इन्हें रकम मिलने में दिक्कत आ रही है।

कोट:

शेष विद्यार्थियों का डाटा तैयार है, जिन्हें पोर्टल पर जल्द ही अपलोड कर दिया जाएगा। फरवरी अंत तक सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के पैसे मिल जाएंगे। जेवर की स्थिति सुधारने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को आदेश दिए जाएंगे, ताकि सभी बच्चों को यूनिफॉर्म का पैसा मिल सके।

– धर्मेंद्र सक्सेना, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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