अंतर्राष्ट्रीय

इमरान का खौफ या दाऊद की हालत, पाकिस्तान में इंटरनेट पर रोक क्यों?

इस्लामाबादः अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने के दावे के बीच पाकिस्तान में इंटरनेट सेव ठप हो गई है. सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डाउन हो गया है. लोग परेशान नजर आ रहे हैं. एक तरफ जहां इसका कारण दाऊद इब्राहिम को बताया जा रहा है तो वहीं सरकारी सूत्रों का कहना है कि रविवार की रात को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की वर्चुअल रैली के चलते इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. रैली के चलते पाकिस्तान में माहौल ना खराब हो इसके लिए ये कदम उठाया गया है.

दाऊद से जुड़ी अफवाह उड़ी तो सोशल मीडिया ठप?

कई लोगों का कहना है कि सोशल मीडिया पर रविवार से दाऊद इब्राहिम को लेकर कई तरह की अफवाहें चल रही थीं और मामला संवेदनशील होने के चलते इंटरनेट ठप कर दिया. हालांकि इसकी पुष्टि तो नहीं हो सकी. लेकिन इस दौरान पाकिस्तान में यूजर्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा था. रविवार की रात को 9 बजे इमरान खान की रैली शुरू हुई थी. लेकिन इंटरनेट सर्विस स्लो होने के चलते स्ट्रीमिंग में काफी परेशानी हुई.

पीटीआई की रैली के स्ट्रीमिंग के दौरान सोशल मीडिया ठप

पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक लोगों ने रात 8 बजे के बाद लाहौर, कराची और इस्लामाबाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में परेशानी बताई. इंटरनेट ट्रैकिंग एजेंसी ने कहा, “लाइव मेट्रिक्स पूरे पाकिस्तान में एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर देश भर में लोगों को समस्या का सामना करना पड़ा.” नेटब्लॉक्स ने बताया कि यह घटना पीटीआई की एक बड़ी वर्चुअल सभा से पहले हुई. ऑनलाइन कार्यक्रम रात 9 बजे शुरू हुआ.

एक्टिविस्ट और पूर्व मंत्री ने कहा- ये पागलपन से परे है

खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व वित्त मंत्री और पीटीआई नेता तैमूर झागरा ने भी ऑनलाइन रैली के दौरान इंटरनेट सेवा पर सवाल उठाया. वहीं वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता जिब्रान नासिर ने कहा, ‘पीटीआई की वर्चुअल रैली का विरोध करने के लिए लाखों यूजर्स और सैकड़ों हजारों व्यवसायों को प्रभावित किया गया. ये इंटरनेट के साथ खिलवाड़ किया है. ये पागलपन से परे है. इसके अलावा एक्टिविस्ट उसामा खिलजी ने भी पाकिस्तानी नागरिकों के सूचना तक पहुंच के अधिकार और संघ की स्वतंत्रता को कमजोर करने की निंदा की

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